विमर्श : बीकानेर को सिर्फ बातों का झुनझुना थमाकर चले गये मंत्री राज्यवर्धन

राजस्थान सरकार ने पिछले बजट सत्र में बीकानेर में सिरेमिक्स हब की घोषणा कर दी थी, लेकिन अभी तक हुआ कुछ भी नहीं है। सिरेमिक्स हब बन जाता तो पूरे राजस्थान की इकॉनोमी में बूम आ सकता है। लेकिन.. सिरेमिक्स हब बनना तो दूर.. यहां तो उद्योग और वाणिज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ कह रहे हैं कि बीकानेर में “सिरेमिक्स हब तैयार हो।” सवाल उठता है कि सिरेमिक्स हब कौन तैयार करेगा? सरकार ही ना ? फिर उद्योग और वाणिज्य मंत्री के रूप में वे क्या तैयारी करके बीकानेर आए हैं। बेहतर होता कि मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ यहां के उद्यमियों और जनता को बताते और प्रशासनिक अधिकारियों को आगे की कार्यवाही का निर्देश देते। तब तो उनके मुंह से यह बात शोभा देती कि “बीकानेर में सिरेमिक्स हब तैयार हो।” चूंकि उन्होंने इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं किया, ऐसे में उनकी ये बातें कोरी, थोथी और बेमानी लगती हैं। बातों का क्या, बातें तो मंत्री-नेता इससे भी बड़ी-बड़ी यूं ही करते रहते हैं।
मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का यह दौरा मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर जनता को उपलब्धियों से रू-ब-रू करवाने, भाजना प्रोफेशनल मीट, उद्यमियों से मुलाकात और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं है। केन्द्र सरकार के 11 सालों का उपलब्धियां गिनाने के उनको पार्टी और सरकार के आदेशों की पालना हो गई। भाजपा नेताओं ने अपने स्तर से प्रोफेशनल की मीट करवाकर पार्टी की एक एक्टिविटी बता दी। अफसर ने समीक्षा करके अपनी औपचारिकता पूरी कर ली। कुछ व्यापारियों ने वर्षों पुरानी समस्याएं सुना दीं। किसी ने लिखित दस्तावेज सौंप दिये। इसके अलावा इसका कुछ हासिल हो तो कोई बताये। बीकानेर के औद्योगिक विकास के प्रति किसी भी स्तर पर गंभीरता दिखी हों तो उल्लेख करें। मंत्री जी ! रीको के पास कितने प्रस्ताव विचाराधीन पड़े हैं। अगर वाकई फंड की कमी नहीं है तो फंड जारी क्यों नहीं करते? सरकार को.. औद्योगिक अपशिष्ट जल निकासी की सीईपीटी की कितनी रिपोर्ट चाहिए ? कोर्ट के आदेश भी हैं और सरकार के पास रिपोर्टें भी। आप जरा विभाग से फाइलें मंगवाकर देख तो लीजिये। सिर्फ बयानबाजी से किसी समस्या का समाधान थोड़े ही होता है। अभी तो आपको भी समझना पड़ेगा कि राजस्थान और बीकानेर के औद्योगिक विकास का क्या रोडमेप है। मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने बीकानेर के औद्योगिक विकास को लेकर जो एक्सप्रेशन और इंटरेस्ट जाहिर किया है, उसी से ही बीकानेर के औद्योगिक विकास की गंभीरता को समझा जा सकता है। ड्राईपोर्ट, फूड टेस्टिंग लैब, मेगा फूड पार्क, वूलन कारपेट, सोलर इंडस्ट्री, पत्थर मंडी, लोह मंडी, लकड़ मंडी और नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित क्यों नहीं कर रहे हो? यह सब के सब काम लम्बित पड़े हैं और प्रक्रियाधीन हैं। कांग्रेस सरकार की उद्योग मंत्री तो कभी बीकानेर आईं तक नहीं, आप आए तो केन्द्र सरकार का उपलब्धियां गिनाकर चले गये। बीकानेर के उद्यमियों और जनता को सिर्फ बातों को झुनझुना थमा कर चल दिए।