मेरी बात : जेठानंद जी ! मोटरसाइकिल पर भीनासर आइये, जनता इंतज़ार कर रही है

राजस्थान विधानसभा चुनाव-2024। बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट पर कांग्रेस से डॉ. बी. डी. कल्ला और बीजेपी से जेठानंद व्यास के बीच सियासी मुक़ाबला था। कल्ला सियासत में रमे-मंझे थे, वहीं व्यास पहली मर्तबा चुनावी मैदान पर थे। इस दौरान ख़बर अपडेट ने बी. डी. कल्ला और जेठानंद व्यास का इंटरव्यू लिया था।

डॉ. कल्ला का इंटरव्यू पहले हुआ। हमने उनसे सवाल पूछा कि “जब भी बीकानेर पश्चिम विधानसभा सीट की बात होती है, इस क्षेत्र के साथ जातिवाद, पक्षपात, भेदभाव का मसला हमेशा रहा है। इन तीनों समस्याओं के साथ आपका नाम जुड़ता रहा है। आप इन तीनों चीज़ों के साथ कैसे छुटकारा पाएंगे?” (जवाब यहां Click कर 13:57 पर देखें)

तक़रीबन 2 घंटे बाद जेठानंद व्यास भी ख़बर अपडेट के दफ्तर पहुंच गये। हमने उनसे पूछा कि “अपने क्षेत्र को लेकर आपके क्या वायदे होंगे? आप ऐसा क्या करेंगे जो आपको प्रतिद्वंदी से अलग करेगा?” (यहां Click कर 18:00 पर देखें)

जवाब में व्यास ने कहा कि “मैं जीतने के बाद इसी मोटरसाइकिल पे समाज के बीच घूमूंगा। उनका दु:ख-दर्द सुनूंगा। दो-ढाई महीने से प्रत्येक क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याओं को हल करने का प्रयास करुंगा। ये बात मैं बार-बार कह रहा हूं, संकल्पित हूं।”

दोनों उम्मीदवारों से किये गये ये दोनों सवाल.. बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के भीनासर को केंद्र में रखकर किये गये थे। भीनासर की बसावट को क़रीब 250 से ज्यादा साल हो चुके हैं। लेकिन बरसों से यहां की जनता जातिवाद, पक्षपात, भेदभाव भरा सौतेला बर्ताव झेल रही है। क्योंकि बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का मतलब सिर्फ ‘पुराना शहर’ माना जाता रहा है। भीनासर को कभी तवज्जो-तरजीह नहीं दी गई। आलम यह है कि बीकानेर पश्चिम के सालाना विकास के कुल खर्च का 10% भी यहां नहीं लगाया जा रहा। ऐसे में लगातार उपेक्षा के चलते भीनासर हाशिये पर जा चुका है। इसीलिये चुनावों के दौरान यहां के उम्मीदवारों से भीनासर को लेकर सवाल पूछे जाने ज़रुरी भी थे। जिनका दोनों ने अपने-अपने तरीक़ों से जवाब दिये थे।

विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। बीकानेर पश्चिम की जनता ने बदलाव चाहा। जेठानंद व्यास की जीत हुई। आज सरकार को बने क़रीब डेढ़ साल का समय हो चुका है। भीनासर जनता अपने विधायक द्वारा किये वादे.. पूरे करने के इंतज़ार में है। इंतज़ार इस बात का कि भीनासर के साथ बरसों से किये जा रहे सौतेले व्यवहार के थमने की शुरुआत कब होगी? इतने सालों से यहां की जनता.. सड़क, पेयजल, साफ-सफाई, खेल स्टेडियम, आवारा पशुओं की समस्या, टूटी पाइप लाइनें, पार्क, मार्केट, चौकों का निर्माण जैसी समस्याओं के समाधान को तरस रही है। इस क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति टेल एंड पर है। जिसके चलते पानी की किल्लत बनी रहती है। गर्मियों में तो आये दिन यहां के निवासियों को निजी खर्च पर टैंकर मंगवाना पड़ता है। ऐसी इतनी सारी समस्याएं हैं कि लिखने बैठे तो ये लेख छोटा पड़ जाए। लेकिन उन सब पर किसी और दिन बात करेंगे। फिलहाल बात.. अच्छी शुरुआत की। भीनासर की बुनियादी ज़रुरत- सड़क की।

वैसे तो सड़क को उस क्षेत्र का आईना कहा जाता है। और.. आईना कभी झूठ नहीं बोलता। लेकिन भीनासर का ये ‘आईना’ इतना खंड-खंड हो चुका है कि बोलकर बताने की स्थिति में भी नहीं है। यहां कुछ जगहों पर या तो सड़कें हैं ही नहीं या फिर टूटी-फूटी हालत में हैं। इस सड़क पर चलना.. ‘रड़क’ निकलने से कमतर नहीं है। भीनासरवाले तो ऐसी सड़क और रड़क.. दोनों के आदि हो चुके हैं। लेकिन समस्या यह है कि बाहरी लोगों को इसका आदि कैसे बनायें? हाल ही बीकानेर में आयोजित सक्सेस टॉक्स (यहां Click करें) की स्पीकर, एसिड अटैक सर्वाइवर – लक्ष्मी अग्रवाल देशनोक मंदिर दर्शन के बाद.. भीनासर आई थीं। यहां की सड़कों की बदहाली देखकर बॉलीवुड फिल्म ‘छपाक’ फेम लक्ष्मी ने जो कहा, वो सुनकर हमें बीकाजी के दीपक अग्रवाल की वो बात याद आ गई कि “किसी को बीकानेर लाते हैं, तो बेइज्जती सी फील होती है।” (यहां Click करें)

इतना ही नहीं, कुछ लोग तंज भी कस देते हैं। मज़ाक उड़ाते हुए कहते हैं कि “सड़कों के इन गड्ढ़ों को सांस्कृतिक विरासत घोषित कर देना चाहिये। सरकार के साथ मिलकर इन्हें बचाने के प्रयास होने चाहिये। बरसात के दिनों में ये मनोरंजन के काम आएंगे।”

कुछ लोग तो विधायक व्यास पर भी तंज कसने से बाज नहीं आते। कहते हैं कि “जेठानंद जी ने कभी संघर्ष नहीं किया, वे राजनीति में नौसिखिये हैं। इसलिये उन्हें सही मुद्दों का ज्ञान नहीं है। वे कुछ लोगों के प्रभाव में हैं। वगैरह-वगैरह..

बहरहाल, हाल ही बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास की अनुशंसा पर 15 करोड़ रुपये स्वीकृत हुये हैं। इस राशि से 31.35 किमी सड़कों को दुरुस्त किया जाना है। ऐसे में भीनासर की जनता.. उम्मीद लगा रही है कि उनके साथ हो रहे सौतेले व्यवहार का सिलसिला अब थम जाएगा। इसकी शुरुआत भीनासर में सड़कों को दुरुस्त करवाने से होनी चाहिये। यहां की जनता चाहती है कि विधायक व्यास अपने वादे के मुताबिक- कभी मोटरसाइकिल से ही भीनासर आएं और जनता का दु:ख-दर्द सुनें। उनकी समस्यायें जानें, उनका समाधान निकालें। जिनके लिये वे संकल्पित हैं। जैसा कि उन्होंने चुनाव से पहले कहा था कि “मैं जीतने के बाद इसी मोटरसाइकिल पे समाज के बीच घूमूंगा। उनका दु:ख-दर्द सुनूंगा। दो-ढाई महीने से प्रत्येक क्षेत्र में जाकर जनता की समस्याओं को हल करने का प्रयास करुंगा। ये बात मैं बार-बार कह रहा हूं, संकल्पित हूं।” (यहां 18:00 पर सुनें)

जेठानंद व्यास द्वारा ऐसा करने से उन्हें 4 फायदें होंगे-
पहला- जनता को लगेगा कि व्यास जी जैसा कहते हैं, वाकई वैसा करते हैं।
दूसरा- वे सड़कों के उन गड्ढों और झटकों को बेहतर महसूस कर सकेंगे, जिन्हें वे ऊंची-आरामदायक गाड़ी से महसूस नहीं कर सकते।
तीसरा- वे जान पाएंगे कि किसी क्षेत्र विशेष के साथ हो रहा सौतेला बर्ताव कितना कड़वा होता है। साथ ही, कई और लोगों को यह ज्ञान भी होगा कि किसी क्षेत्र की ‘बदहाली रुपी कड़वाहट’ को.. ‘कतली की मिठास’ से रिप्लेस नहीं किया जा सकता।
चौथा- विधायक पर नौसिखिया कहकर मुद्दों की समझ न होने’ का तंज कसने वालों को भी करारा जवाब मिलेगा।

और हां.. माननीय विधायक को अपनी मोटरसाइकिल जैन जवाहर विद्यापीठ से होते हुए.. चित्रा आइस फैक्ट्री के रास्ते.. हरिराम जी मंदिर तक तो ज़रूर ले जानी चाहिये। (जहां हर पंचमी को इसी रास्ते पर चलकर.. दूर-दूर से लोग मंदिर दर्शन को आते हैं।) ऐसा करने से वे टूटी ‘सड़क’ और जनता की ‘रड़क’ को बेहतर अनुभव कर सकेंगे। इसके बाद तो काफी हद तक संभव है कि वे यहां से सीसी रोड ही बनवा दें।

विधायक जी ! बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र- भीनासर के लिये सड़क ज़रुरी भी है, मजबूरी भी है, सहूलियत भी है और आधारभूत आवश्यकता भी है। साथ ही, भीनासर के विकास का मापदंड भी। आपसे पहले इस विधानसभा क्षेत्र में 2 बार गोपाल जोशी और बी. डी. कल्ला विधायक रह चुके हैं। लेकिन भीनासर की जनता को आपसे ज्यादा उम्मीदें इसलिये भी हैं क्योंकि आप छोटी से छोटी समस्याओं पर भी (फोटोकॉपी तक) ध्यान देते हैं, फिर हज़ारों बाशिंदों की ये बड़ी-बड़ी शिकायतें तो पिछली सरकारों के समय से चली आ रही हैं। उम्मीद है, भीनासर के साथ हो रहे सौतेले बर्ताव का सिलसिला.. इस सड़क निर्माण के काम के साथ थम जाएगा। यहां से विकास की नई इबारत लिखने की शुरुआत होगी। भीनासर की जनता ने ‘साथ’ दिया था, उम्मीद है अब भीनासर का ‘विकास’ भी होगा। भीनासर के भी ‘अच्छे दिन’ आएंगे। जेठानंद जी ! आइये, अब वादा पूरा करने का समय आ चुका है।

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2 thoughts on “मेरी बात : जेठानंद जी ! मोटरसाइकिल पर भीनासर आइये, जनता इंतज़ार कर रही है

  1. सुमितजी ने भीनासर की स्थिति को सही तरीके से जनता ओर विधायक जेठानंद जी के बारे में सटीक ओर सही लिखा है। जेठानंद जी को वादे के अनुसार मोटर साइकल पर भ्रमण कर जन समस्या का निराकरण करना चाहिए। नेता नही काम करते तो भीनासर गोचर आंदोलन की तरह कमेटी बनाकर मुख्यमंत्री ओर अन्य नेताओं ओर प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भेजकर वस्तु स्थिति से अवगत कराना चाहिए। डॉ कल्ला जी अच्छे विधायक थे। जेठानंद जी को दुनियादारी अखबार न्यूज पोर्टल ओर जानता की आवाज़ को समझने में समय लगेगा। तब तक उनका विधायक कल पूरा हो जाएगा।

  2. विधायक जी मोटर साइकिल पर भीनासर तो क्या अब तो शायद नित्य कर्म के लिए भी स्कार्पियो ही उपयोग करते है सुमित जी
    ये भारत की जनता का दुर्भाग्य है कि वो किसी भी नेता को चुने चाहे वो धरातल से ही क्यों न हो वो नेता चुनाव जीतने के बाद भारतीय राजनीति के हिसाब से अपना ही स्वार्थ सिद्ध करने में लग जाता है इसमें जेठानंद जी का कोई दोष नहीं ।
    परंपरा है ये सालों कि…….
    मैं तो ये कहता हु कि विधायक साब भीनासर तो क्या बाइक पर अपने घर से भट्टड़ो के चौक तक ना जाए ….हा आप अगर उन्हें ये कहे कि भीनासर में अपने आपने बहुत अच्छे काम कराए है इस लिए आपका सम्मान करेंगे तो ये जरूर स्कॉर्पियो में आ जाए सम्मान लेने के लिए
    जबकि उन्होंने कुछ न किया हो भले हि ….
    सम्मान ग्रहण करने के लिए तो आ जाएंगे लेकिन समस्या सुनने आए भीनासर
    तो फिर राम जी भरोसे ही है एक बात अब को नोट कर लेनी चाहिए कि
    *जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए*
    आना जाना कुछ नहीं राजनीति को ले कर खयाली पुलाव खाते रहो मस्त रहो

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