मेरी बात : मोदी जी ! जो बात आपके ‘मंतरी’ न कह सके, वो राजस्थानी लेखक की ‘ख़ामोशी’ कह गई
कहते हैं- ख़ामोशी में बहुत तेज़ ‘गूंज’ होती है। लेकिन.. इसे सुन वही सकता है, जिसमें उसे सुनने की क्षमता और चाहत हो। 27 अक्टूबर को बीकानेर का रोटरी क्लब के ‘राजस्थानी भाषा समारोह’ में एक ऐसी ही ‘गूंज’ सुनाई…