‘बीकानेर के समग्र विकास’ के लिए ख़बर अपडेट ने हाल की ज़िला उद्योग संघ सभागार में संवाद 2.0 कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में डॉक्यूमेंट्री फिल्म के जरिये ‘बीकानेर के समग्र विकास’ की परिकल्पना रखी थी। इस कड़ी में हमने सबसे पहले ‘बीकानेर के समग्र विकास’ को 4 सेक्टर्स में बांटकर अध्ययन किया। फिर उन सेक्टर्स के विकास में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण के लिये उन क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से सुझाव मांगे। बाद में उन्हें इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में पिरोकर जन प्रतिनिधियों को अवगत करवाया। यानी क़रीब 1 घंटे की डॉक्यूमेंट्री फिल्म में पूरे बीकानेर के विकास के तमाम पहलुओं को समेटने की कोशिश की। ख़बर अपडेट की ‘बीकानेर के समग्र विकास’ की पहल की अतिथियों- कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा, पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी और खाजूवाला विधायक विश्वनाथ मेघवाल समेत मौजूद प्रबुद्ध लोगों ने सराहा। आपको बता दें कि ‘संवाद-2.0’ कार्यक्रम में हर क्षेत्र के प्रबुद्धजनों के साथ-साथ बाद लघु उद्योग भारती और अन्य उद्योग संगठन भी मौजूद थे।
खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा। उनके प्रस्ताव पर ‘बीकानेर समग्र विकास समिति’ का गठन किया गया, जिसमें सभी विधायकों को सदस्यों के तौर पर शामिल करने की बात कही गई। संरक्षक के तौर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने स्वीकृति दी। ‘बीकानेर समग्र विकास समिति’ में सचिव की जिम्मेदारी प्रकाश नवहाल को दी गई है। अब इस समिति में विकास के प्रस्तावित सभी सेक्टर से विशेषज्ञ सदस्यों को शामिल किया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विकास की पहल अब खुद जनप्रतिनिधि आए सुझावों पर करेंगे। ये रहेंगे विकास के मुद्दे-
1. आधारभूत विकास : वाजिब क़ीमत पर औद्योगिक और व्यवसायिक उपयोग की भूमि सरकार उपलब्ध करवाएं। बिजली, पानी और सड़क की सुविधा मुहैया करवाएं।
2. औद्योगिक विकास: ड्राईपोर्ट, मेगा फूड पार्क, गैस पाइप लाइन, हवाई सेवाएं, रिंग रोड, माइंस को इंडस्ट्री का दर्जा, एक्सपोर्ट हब, टेक्सटाइल पार्क, कपड़ा प्रिटिंग कलस्टर, ज्वैलरी कलस्टर, पोटाश खनन शुरू किया जाए। इसी तरह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोठ की खेती को संवर्धित किया जाए। यहां उत्पादित कृषि जिंसों का बीकानेर में ही प्रसंस्करण इकाईयां लगाकर उत्पाद बने। खाद्य उत्पादों का एक्सपोर्ट के लिए बीकानेर में सर्टिफिकेशन की सुविधा हो। रिको में काम की गति बढ़ाई जाए। खारा उद्योग क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएं। पुरानी माइंस की अवधि 10 वर्ष बढ़ाई जाए। माइंस लीज 4 हेक्टेयर से बढ़ाकर 10 हेक्टेयर की जाए। बीकानेर से 10 हजार टन सिरेमिक्स गुजरात जाता है। 300 रूपए टन की ये क्ले से गुजरात में उत्पाद बनाकर 12 हजार रुपए टन बेची जाती है। ये इंडस्ट्री बीकानेर में लग जाए तो बीकानेर और राजस्थान की सकल आय का आंकड़ा बदल सकता है। जरूरत आधारभूत संसाधन विकसित करने की है।
3. शिक्षा का हब बने बीकानेर: बीकानेर में 4 विश्वविद्यालय, 15 महाविद्यालय, 5 आईसीएआर इंस्टीट्यूट, सैकड़ों कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं। बावजूद इसके, बीकानेर एज्युकेशन हब नहीं बन पाया है। इसका कारण- शिक्षा के आधारभूत संसाधनों की कमी है। जिसमें सर्वाधिक कमी शिक्षकों की है। पीटीआई नहीं है, कोच नहीं है, लाइब्रेरियन नहीं है, रोजगार आधारित पाठ्यक्रम नहीं है। 45 करोड़ का एमजीएस यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है लेकिन कोच नहीं है। बीकानेर में राजस्थान की एकमात्र स्पोर्ट्स स्कूल है, जहां संसाधनों की नितांत कमी है। बीकानेर में एक खेल स्टेडियम और इंडोर स्टेडियम की ज़रुरत है।
4. कला , साहित्य, संस्कृति,पुरातत्व और पर्यटन : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऊंट उत्सव की विभिन्न प्रतियोगिता में पुरस्कार की राशि बढ़ाई जाए। ऊंट नृत्य प्रशिक्षकों की सेमिनार रखी जाए। ऊंट राज्य पशु है पर्यटन में उपयोग से ऊंट को संरक्षण मिलेगा। साहित्य संस्कृति अकादमियां भी पुरस्कार की राशि बढ़ाए। कल्चर आर्ट को बाजार से जोड़ें। बीकानेर में साहित्य परिसर का निर्माण हो। साहित्यकार, कलाकार और कलाओं पर डॉक्यूमेंट्री बनाई जाए। पांडुलिपि और दुर्लभ ग्रंथों तक शोधार्थियों की पहुंच बने। साहित्य संस्कृति, कला संरक्षण की आकर्षक योजना बने। लुप्त होती कलाओं को प्रश्रय दिया जाए। नाईट टूरिज्म बढ़े और श्रीकोलायत का पर्यटन स्थल के रूप में विकास हो। कपिल मुनि की तपोभूमि की तरफ पूरे देश का ध्यान आकर्षित हो। मांड गायकी और लोक गायकी को बढ़ावा दिया जाए।
5 स्वास्थ्य सेवाएं: पीबीएम में केंद्रीकृत ओपीडी ब्लॉक बने। अस्पताल में नॉर्म्स के अनुरूप संसाधन दिए जाएं। अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं एक जगह हों। केंद्रीकृत पार्किंग बने। तीन अधीक्षक, मर्दाना, जनाना और शिशु अस्पताल में लगाए जाएं। अस्पताल के चारों तरफ हुए अतिक्रमण हटाए जाएं । बीकानेर के चारों हाई-वे पर सब-डिविजनल अस्पताल खोले जाए, जहां 24X7 सेवाएं हों। बीकानेर में एक और मेडिकल कॉलेज और एम्स खुले। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा हो।
ख़बर अपडेट की पहल पर बनाई गई ‘बीकानेर के समग्र विकास समिति’ इन सभी मांगों के लिये प्रयास करेगी। इस दिशा में होने वाले सकारात्मक परिणामों से ख़बर अपडेट आपको समय-समय पर अवगत करवाता रहेगा। हमारी कोशिश रहेगी कि हम हमारे प्रयासों से शहर को विकास के नए सौपान दे सकें।