बीकानेर संसदीय क्षेत्र में रोचक मुक़ाबला, मोदी लहर फिर लगाएगी BJP प्रत्याशी की नैया पार
बीकानेर लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद रोचक स्थितियां सामने आई हैं। बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल और कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल के बीच जबरदस्त टक्कर देखी गई। अर्जुन राम मेघवाल केन्द्रीय मंत्री रहते हुए जनता के निशाने पर रहे। टिकट मिलने के बाद वे और उनके समर्थक 3-4 लाख वोटों के मार्जिन से जीत का दावा करते नज़र आए लेकिन वोटिंग का दिन नजदीक आते-आते ये मार्जिन सिमट कर लाख के आस-पास माना जाने लगा। अगर ऐसा होता है तो ये आंकड़ा बीजेपी को परेशान कर सकता है। मोदी लहर के चलते भले ही अर्जुन राम मेघवाल जीत जाए लेकिन ये जीत उनकी राजनीतिक और व्यक्तिगत छवि के धूमिल होने से कम नहीं है।
भले ही अर्जुन राम शीर्ष नेतृत्व से रिश्तों को मेंटेन करके खुद की अच्छी छवि बनाने में लगे रहे। लेकिन.. बीकानेर की जनता..उनसे विकास का काम नहीं करने, जनता के बीच नहीं रहने, पार्टी में बने कॉकस से घिरे रहने, जनता की अनदेखी करने से नाराज़ नज़र आई। सत्ता-सुख भोगने की उनकी छवि जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। जनता में इन बातों को लेकर हर स्तर पर जमकर आलोचना हुई। लोगों ने खुले आम कहा है कि “उन्होंने अर्जुन राम को नहीं, मोदी को वोट दिया है।” उनकी जीत का दावा मोदी के सहारे ही है। वे खुद ही कमल को उम्मीदवार बताकर मोदी के गीत मंचों से गाते रहे हैं। ऐसे में अर्जुन राम का जीतना भी जनता की नजरों में क्या मायने रखता है? यानि अब जनता अर्जुन राम को ज्यादा पसंद नहीं कर रही है।
ये तो हुई जनता की बात.. लेकिन मतदान के बाद बीजेपी-कांग्रेस के प्रवक्ता, नेता और तटस्थ विश्लेषकों ने एक मंच पर बैठकर बीकानेर संसदीय क्षेत्र में चुनावी स्थितियां की समीक्षा की। जिसमें कांग्रेस के प्रवक्ता नितिन वत्स, भाजपा के प्रवक्ता अशोक बबरवाल, अनिल शुक्ला, भाजपा संसदीय प्रभारी सत्य प्रकाश आचार्य, पत्रकार रवि विश्नोई, पत्रकार सुमित शर्मा, एडवोकेट अजय पुरोहित, राजनीतिक विश्लेषक रमेश अरोड़ा, विनोद जोशी समेत अन्य लोग शामिल हुए। इस समीक्षा बैठक में आए तथ्यों के निष्पक्ष आकलन से सारी तस्वीर साफ हो गई। यहां क्लिक करके आप वो परिचर्चा देख-सुन सकते हैं-
इस समीक्षा रिपोर्ट में अनूपगढ़ से प्रेम चन्द अत्री, लूणकरनसर और श्रीडूंगरगढ़ के विजय महर्षि, नोखा से एस. के. तिवाड़ी, श्रीकोलायत से विरेन्द्र पुरोहित और बीकानेर शहरी की दोनों विधानसभा सीट से सुमित शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट शामिल की गई है। रिपोर्ट में बीकानेर संससदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से अनूपगढ़ और खाजूवाला में कांग्रेस की लीड का दावा किया गया। इसके अलावा चार विधानसभा सीट- लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़, नोखा और श्रीकोलायत के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस प्रत्याशी के आगे रहने की ग्राउंड रिपोर्ट रखी गई। बीकानेर शहरी क्षेत्र की दोनों सीटों को मिलाकर भाजपा प्रत्याशी के कमोबेश एक लाख वोट की बढ़त का दावा किया गया। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम के खिलाफ मेघवाल और जाट मतदाता नाराज़गी बताई गई।
बीकानेर संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में कुल 53.96 फीसदी मतदान हुआ है। इसमें अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 67.10 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की यहां से लीड रही है। इस बार अजा-जजा और पंजाबी वोट कांग्रेस के पक्ष में होने का दावा है। खाजूवाला 57.59 प्रतिशत मतदान में ग्रामीण और मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस के प्रति होना बताया गया। बीकानेर पश्चिम में 63.51, और पूर्व में 61.40 प्रतिशत मतदान में मिलाकर भाजपा करीब एक लाख की लीड लेने का दावा है। श्रीडूंगरगढ़ 48.98 में कस्बे में भाजपा और ग्रामीण इलाके में कांग्रेस का पक्ष मजबूत बताया जा रहा है। श्रीकोलायत में 46.20 में इस बार मेघवाल और जाट वोटों का ध्रुवीकरण गोविंद राम की तरफ रहा है। लूणकरणसर 50.10 प्रतिशत वोटों में कांग्रेस भारी मानी जा रही है। नोखा में 40.27 प्रतिशत मतदान हुआ है।
कम वोट डालना भाजपा को नुक़सान में बताया जा रहा है। इन सब फैक्टर के बीच मोदी और केंद्र सरकार के कामों को जनता ने तहेदिल से स्वीकार किया है। वहीं अर्जुन राम के लेकर मुखर विरोध देखने को मिला। बावजूद इसके, उनकी आलोचना करने वाला हर व्यक्ति अंततः तो यही कहता सुनाई दिया कि “वोट तो मोदी के नाम पर भाजपा को ही देंगे।” भाजपा और मोदी समर्थकों ने अर्जुन राम के प्रति नाराजगी के बावजूद फूल को ही वोट दिया भी है, जो सब फैक्टर को बैलेंस कर बीकानेर में भाजपा को फिर से आशीर्वाद देता दिखाई दे रहा है। जबकि कांग्रेस के पक्ष में दावा करने वाले ग्रामीण मतदाता, जाट, मुस्लिम और मेघवाल मतदाता के बूते अपनी नैया पार लगाती मानते हैं।