Success Talks : “हाथ-पैर नहीं हैं तो क्या हुआ, मुझे मां ने हौसलों से उड़ना सिखाया है”
कोई दु:ख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं… हारा वही, जो लड़ा नहीं.. कवि कुंवर नारायण सिंह की ये पंक्तियां… रोशन नागर पर एकदम फिट बैठती हैं.. जयपुर के रहने वाले रोशन नागर आज लाखों लोगों के लिये प्रेरणास्त्रोत हैं.. बचपन में उनके साथ एक ऐसा हादसा घटा, जिसके बाद उनके दोनों हाथ और 1 पांव काटने पड़े. रोशन की जान तो बच गई लेकिन बगैर हाथ-पैर के जीवन जीना बेहद मुश्किलभरा था। कोई और होता तो टूट जाता लेकिन रौशन अटूट रहे। उन्होंने दृढ़-इच्छा शक्ति के बूते दिन-रात मेहनत की… और आज ऐसे मुकाम पर पहुंच गये, जो औरों के लिये मिसाल की तरह है।
आख़िर रोशन के साथ क्या हुआ था?
बिना हाथ-पैर के रोशन को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?
क्यों आज रोशन को लाखों लोगों का रोल मॉडल कहा जाने लगा है?
इन सवालों के जवाब ख़ुद रोशन नागर अपनी टॉक में देने वाले हैं. यक़ीन मानिये, उनकी कहानी आपके सोचने का नज़रिया बदल देगी. आइये, सुनते हैं सारिका की कहानी, ख़ुद उन्ही की जुबानी. इस Video link पर click करके आप सारिका की कहानी सुन सकते हैं- https://youtu.be/7v97gwhxDI0?si=aGnVIJ3_p5znm7Nk