‘राजस्थान कबीर यात्रा’ के आयोजकों पर गंभीर आरोप, मामला कोर्ट में पहुंचा

बीकानेर की ‘राजस्थान कबीर यात्रा’ विवादों के घेरे में है। 1 अक्टूबर से होने वाली इस यात्रा से ऐन पहले इसके आयोजकों- सचिव गोपाल सिंह चौहान और अध्यक्ष महावीर स्वामी समेत अन्य पर ‘वित्तीय अनियमितता और आयोजन संबधी’ कई गंभीर आरोप लगे हैं। मामला इतना बढ़ चुका है कि कोर्ट तक पहुंच गया है। लोकायन संस्थान के कुछ सदस्यों ने जिला न्यायालय में जिला न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना के यहाँ प्रतिनिधित्व वाद प्रस्तुत किया है।
वाद में क्या कहा गया है ?
लोकायन संस्था के चन्द्रकुमार और रोहित बोड़ा ने बताया कि “वाद में संस्थान के कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य द्वारा सचिव गोपाल सिंह चौहान तथा अध्यक्ष महावीर स्वामी समेत अन्य पर आरोप लगाये गये हैं। जिसमें, आपसी मिलीभगत द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, कूटरचित दस्तावेज़ों से चुनाव करवाने का जिक्र है। साथ ही, उन पर नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से एकतरफ़ा निर्णय लेकर संस्था का अहित करने के भी आरोप लगे हैं।”
दायर वाद में कहा गया है कि- सचिव गोपाल सिंह ने आम-सभा के अनुमोदन और अनुशंसा के बिना ही..अपने वित्तीय लाभ के लिए लोकायन की ‘राजस्थान कबीर यात्रा’ समेत कई आयोजन अपने ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ द्वारा अनाधिकृत रुप से आयोजित कर रहे हैं। इस तरह दरकिनार करने से लोकायन संस्थान के हितों का नुकसान हो रहा है। इसीलिये ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ द्वारा अनाधिकृत रुप से आयोजित की जा रही ‘राजस्थान कबीर यात्रा’ पर रोक लगाने की माँग की गई है। अब ज़िला न्यायालय 29 सितंबर 2025 को सभी पक्षों को नोटिस जारी कर इस मामले पर सुनवाई करेगा।
आरोप ये भी हैं-
आरोप हैं कि पिछले कुछ समय से लोकायन संस्था में वित्तीय पारदर्शिता, नैतिकता और लोक कलाकारों को उचित रॉयल्टी देने को लेकर सवाल उठ रहे थे। सचिव गोपाल सिंह द्वारा इन सवालों की जवाबदेही से बचने के प्रयास किये जा रहे थे। जवाबदेही से बचने के लिए सचिव गोपाल सिंह द्वारा एकतरफ़ा निर्णय कर राजस्थान कबीर यात्रा को ‘लोकायन’ की बजाय 2024 में बनाये गये ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित करने का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। जिसके निदेशक खुद गोपाल सिंह हैं।
क्या है राजस्थान कबीर यात्रा?
‘राजस्थान कबीर यात्रा’ की शुरुआत साल 2012 में लोकायन संस्थान द्वारा की गई थी। लेकिन.. मार्च 2024 में इसे अचानक से ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित करने का प्रचार-प्रसार किया जाने लगा। ऐसा करने से आयोजकों को लेकर विरोध के सुर उठने लगे थे। इस साल यह यात्रा 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर 2025 तक बीकानेर में होनी प्रस्तावित हैं। इस बार भी यह यात्रा ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ के बैनर तले आयोजित हो रही है लेकिन आयोजन से ऐन पहले ये विवादों की भेंट चढ़ गई।
फिलहाल इस आयोजन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब ‘लोकायन संस्थान’ बनाम ‘मलंग फोक फाउंडेशन’ के बीच टकराव पर सोमवार को सुनवाई होगी।