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गो केंद्रित विकास की राष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रांतों की समन्वित कार्य योजना

ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काउ-बेस्ड इंस्टीट्यूशंस (जीसीसीआई) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारत सरकार के पूर्व मंत्री श्री डॉ. वल्लभभाई कथीरिया की अध्यक्षता में उद्यमिता, आर्थिक सशक्तिकरण और गाय कल्याण जैसे कई विषयों पर काम करने वाला, जीसीसीआई सभी प्रांतों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित योजना बना रही है। जिसमें गो आधारित उत्पादों के विकास, सरकारों और उत्पादकों के साथ सहयोग करने और टिकाऊ रणनीतियों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस बैठक में-

जीसीसीआई के दृष्टिकोण और मिशन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा होगी।

संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और बेहतर समन्वय और दक्षता के लिए राष्ट्रीय और राज्य टीमों के गठन, प्रशासनिक मामलों पर चर्चा की जाएगी।

जीसीसीआई को वर्ष 2025 के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का रोडमैप तैयार किया जाएगा

आगामी गौटेक 2025 के अपडेट और तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।

गौ-आधारित उद्योगों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए गौटेक पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

गौ-आधारित उद्योगों, प्राकृतिक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया जाएगा

इस बैठक में देश भर से साधु-संत, परमात्मा नंद जी, त्रिकमदास जी महाराज, ऋषभ देवानंदजी, त्याग वल्लभ स्वामी, रणधीर सिंह जी महाराज-झारखंड, सहदेवदास जी इस्कॉन, गुजरात विधान सभा अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी, गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह चुडास्मा, इफको के अध्यक्ष- दिलीपभाई संघानी, आरएसएस के गौ सेवा आंदोलन के राष्ट्रीय प्रचारक अजीत महाप्रसाद महोपात्रा, राजस्थान गौ सेवा परिषद के अध्यक्ष- हेम शर्मा, श्याम बिहारी गुप्ता-गौ सेवा आयोग अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, श्रवणगढ़ हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष, जीटीयू के पूर्व कुलपति डॉ. नवीनभाई शेठ, प्रदीप गांधी पूर्व सांसद, पद्मश्री गेमाभाई चौधरी-गुजरात, वल्लभभाई (सरदार)- कादी सर्व विद्यालय, कलकत्ता के व्यवसायी के.के. सिंघानिया, डॉ. आरआर यादव, प्रफुल्लभाई सेंजलिया, डाॅ. रणवीर सिंह-बरेली आईवीआरआई, डाॅ. एस. के. कुमार- बेंगलुरु, महेंद्र बजाज, डॉ. महेंद्र गर्ग- राजस्थान, गौरव केडिया- दिल्ली, नीरज चौधरी- उत्तराखंड, माधव हेबर- कर्नाटक, जीतेंद्र और भाग्यश्री भाकरे- नागपुर, गौ कथाकार- फैयासखान छत्तीसगढ़, गौरव कुमार गुप्ता- उत्तर प्रदेश, मनीष बाजपेयी- दिल्ली, मयूरभाई मेहता- पत्रकार, गिरीशभाई शाह-समस्त महाजन, मिनेशभाई पटेल-अहमदाबाद, चिन्मोई चक्रवर्ती कलकत्ता, अरूप-त्रिपुरा, डॉ. जगन्नाथ पटनायक – ओडिशा, हुक्मचंद पाटीदार – मध्य प्रदेश, धर्मेश जगीदार मध्य प्रदेश, देवरामभाई पुरोहित – गुजरात, निखिल देसाई ईडीआईआई, वेंकट जी – आंध्र प्रदेश, नरसिम्हा राव – आंध्र प्रदेश समेत जीसीसीआई के कई सदस्य इस चर्चा में भाग लेंगे और कार्यनीति बनाएंगे। यह बैठक गौ केंद्रित विकास के लिए जीसीसीआई की प्रतिबद्धता को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्लोबल कॉन्फेडरेशन ऑफ काउ-बेस्ड इंस्टीट्यूशंस (जीसीसीआई) की कार्यकारी बैठक 20 दिसंबर को गांधीनगर के कादी जिले की ‘नंद गौशाला, कादी-थोल रोड, त्रिशा फार्म के पास’ आयोजित की जाएगी। बैठक का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा।

2 COMMENTS

  1. हरे कृष्ण हेम शर्मा जी,
    में भगवान प्रसाद सूत्रधार ( संस्थापक एवं सचिव, ISSCOP, Indian Society For Cow Protection), जैसलमेर ) से हूँ, गौ संरक्षण क्षेत्र में पिछले 35 वर्षो से कार्यरत हूँ.
    गत वर्ष राजकोट में आयोजित GCII, सम्मेलन में भी हमारी कंपनी GoVedic Agro Pvt Ltd के बैनर तले भाग लिया था.
    ISKCON से भी जुड़ा हुवा हूँ, दीक्षित भी हूँ, भक्तवत्सल दास के नाम से.
    पिछले कई वर्षो से फील्ड में गौ संरक्षण एवं संवर्धन के कई आयामों का शौद्ध परक कार्यों की बदौलत एक विस्तृत कार्य योजना का प्रारूप तैयार कर, उसके अनुसार जैसलमेर जिले में कार्य कर रहे है!
    आगामी 20 दिसंबर को गांधीनगर जिले में जो गौ प्रेमियों का सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, जिसका विषय भी यही है, उसमें अपने संस्थान द्वारा अभी तक जो कार्य किया गया है, उसे इस सम्मेलन में प्रस्तुत करने का विचार आया, आपकी एक पोस्ट को देखकर, जिससे गौ संरक्षण में कार्य करने वाले सभी गौ प्रेमियों को, उनके द्वारा बनाई जा रही कार्य योजना में सहयोग दिया जा सकें!
    क्या, इसमें में सहभागिता निभा सकता हूँ?
    कृपया सूचित करावें!
    हरे कृष्ण!
    भगवान प्रसाद सूत्रधार, जैसलमेर.
    मोबाइल एवं वाट्सअप नम्बर -8949609536

  2. निश्चित रूप से यह है कार्यशाला संपूर्ण भारतीयों के लिए एक आदर्श स्थापित करने वाली थी क्योंकि गौ आधारित अर्थव्यवस्था ही भारत को सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक सुधरता प्रदान करने की क्षमता रखती है

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