मेरी बात : पीएम मोदी के नाम बीकानेर की जनता का खुला खत

प्रधानमंत्री जी !
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कुछ ही दिन बाद आप 22 मई को बीकानेर आ रहे हैं। भारत ने ‘पहलगाम हमले’ का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से देकर दुश्मनों को एक कड़ा संदेश दिया है। पहले प्रतिशोध और फिर शांति स्थापना की हमारी कवायद की दुनियाभर में चर्चाएं हो रही हैं। इस ऑपरेशन के ऐन बाद आप बीकानेर की सरजमी पर आ रहे हैं। ये बीकानेरियों के लिये सोने पे सुहागा है। हम जनता पलक-पावड़े बिछाये आपका इंतज़ार कर रही हैं। “पीएम साब ! आपका.. ‘आपके’ शहर में स्वागत है। पधारो म्हारे देस..”
मोदी जी ! वैसे तो पूरा देश ही आपका परिवार है, लेकिन हम बीकानेर की जनता आपसे एक अलग बॉन्डिंग रखते हैं। हम आपको दिलों-जान से चाहते हैं और हर बार आप ही के नाम पर वोट डालते आए हैं। यहां तक कि.. अप्रत्यक्ष रूप से आप ही को अपना प्रतिनिधि मानते हैं। इसीलिये हमने कहा कि “आपका.. ‘आपके’ शहर में स्वागत है।” आपसे अपनेपन की पराकाष्ठा यह है कि अगर आप बनारस की बजाय बीकानेर से चुनाव लड़ते तो कई रिकॉर्ड बन जाते। अजी ! आप क्या.. हम तो आपके नाम पर चुनाव लड़ने वालों को भी जीता देते हैं। वो भी एक बार, दो बार नहीं.. तीन-तीन बार। खैर..। आपके नेतृत्व का डंका पूरी दुनिया में बजा है, इससे बीकानेर भी महरूम नहीं रहना चाहिये। अब जब आप बीकानेर आ रहे हैं तो हम लोग इस खुले खत के जरिये आपसे मन की बात साझा करना चाहेंगे। उम्मीद है, आप इनका समाधान करवायेंगे।
पीएम साहब ! बीकानेर को बसे 537 बरस बीत चुके हैं। यानी कि आधी सहस्राब्दी। लेकिन विकसित होने की बजाय ये शहर.. साल-दर-साल बदहाल होता जा रहा है। वहीं, बीकानेर के बाद बसे जयपुर (297 साल पहले), कोटा (394 साल पहले) इससे कई साल आगे निकल चुके हैं। बहुत शर्म आती है जब बाहर से आने वाले लोग तंज कसते हैं कि “बीकानेर में कोई डेवलेपमेंट नहीं है।” (यहां Click करके पढ़ें) आप भी कुछ बरस पहले बीकानेर आये थे, आपको भी कुछ बदलाव नज़र आये तो अपने संबोधन में ज़रूर जिक्र कीजियेगा। बीकानेर की बदहाली से हम सब इतने आजिज आ चुके हैं कि अब तो सार्वजनिक मंचों से सीधे मंत्रियों को कहा जाने लगा है। कुछ महीनों पहले विश्वविख्यात कंपनी ‘बीकाजी’ के एमडी दीपक अग्रवाल ने भी ‘राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट’ के मंच से कहा था कि “आजकल किसी को भी बीकानेर लाते हैं तो बेइज़्ज़ती सी फील होती है।” इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बीकानेर सांसद और केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन मेघवाल कर रहे थे। (यहां Click करके पढ़ें)
तो आख़िर वे कौनसी समस्यायें हैं, जो बीकानेर को पीछे धकेल रही हैं। ये जानने के लिये आप यह डॉक्यूमेंट्री (यहां Click करें) देख सकते हैं। हमने 1 घंटे की डॉक्यूमेंट्री में बीकानेर की लगभग सभी समस्याओं को समेट दिया है, ताकि हमारे जनप्रतिनिधियों को वक्त जाया न करना पड़े। यह डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिये.. प्रबुद्ध लोगों से खचाखच भरे.. वेटेरनरी ऑडिटोरियम में बीकानेर सांसद को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन वे समय निकालकर नहीं आ सके। हो सकता है कि वे बीकानेर के समग्र विकास से भी बड़े काम में मशगूल रहे हों। मोदी जी ! चूंकि हम जनता आपसे ही अपनापन महसूस करते हैं, ऐसे में आप ही को समाधान के लिये कह सकते हैं। तो चलिये, आपको बताते हैं कि बीकानेर के समग्र विकास के लिये यहां के प्रबुद्ध लोग क्या चाहते हैं?
इस डॉक्यूमेंट्री में ‘बीकानेर के औद्योगिक विकास’ के मुद्दे पर प्रसिद्ध उद्योगपति जयकिशन अग्रवाल ये कहते दिख जाएंगे कि “गैस पाइप लाइन बीकानेर को साइड में करते हुए निकल गई, जिससे बीकानेर का उद्योग नहीं पनपा। बीकानेर बिजली उत्पादन में बड़ा नाम रखता है, देश के सब उद्योगों से महंगी बिजली बीकानेर का उद्योगपति लेता है। हमारे यहां से कई मंत्री रहे हैं लेकिन राजनीतिक शून्यता की वजह से कई योजनाएं फलीभूत नहीं हो पाई हैं। (6:20 पर क्लिक करें)
भीखाराम चांदमल के आशीष अग्रवाल का कहना था कि “पोर्ट से आने वाले मेटिरयल की सुविधा होना जरुरी है। इसके लिये तमाम तरह के सर्टिफिकेट्स और क्लीयरेंस के ऑफिस बीकानेर में होने चाहिये। हमें बेसिक सर्टिफिकेट के लिये भी दिल्ली जाना पड़ता है।” (7:55 पर क्लिक करें)
प्रसिद्ध उद्योगपति राजेश चूरा का कहना है कि “हमारे डीएमएफटी फंड में हमारा इनवॉल्वमेंट रहे, इसका उपयोग बीकानेर क्षेत्र के विकास के लिये हो।” (9:03 पर क्लिक करें)
उद्योगपति कन्हैयाल लाल बोथरा.. सीधे सांसद से कह रहे हैं कि “ये काम अर्जुन राम जी कर सकते हैं। बीकानेर व पश्चिमी राजस्थान में लगने वाले उद्योगों को.. पर्वतीय क्षेत्रों की तरह ही.. कर मुक्त, 10 साल की छूट, जिसमें इनकम टैक्स, सेल टैक्स, एक्साइज और कस्टम की छूट मिले तो यहां इतने रोजगार आएंगे कि इसकी कल्पना ही नहीं कर सकते।” (11:08 पर क्लिक करें)
बीकाजी के मालिक शिवरतन अग्रवाल ने कहा कि “यहां उद्योगों पर अनावश्क रूप से कई तरह के इतने सारे भार हैं कि सोच भी नहीं सकते।”(12:30 पर क्लिक करें)
प्रसिद्ध सिरेमिक्स व्यापारी कुंजबिहारी गुप्ता ने कहा कि “बीकानेर से हर दिन 10 हजार टन क्ले.. 300 रुपये प्रति टन के हिसाब से गुजरात के सिरेमिक्स उद्योगों को जा रही है। और गुजरात इस क्ले पर आधारित सिरेमिक्स उत्पादन बनाकर उसे औसतन 12,000 रुपये प्रति टन पर बेचते हैं। यानी वो लगभग 40 गुना वैल्यू एडिशन कर रहे हैं। अगर ये उद्योग बीकानेर में होता तो कई लाभ मिलते। दुर्भाग्य है कि बीकानेर/ राजस्थान इससे वंचित रहा है।”(14:30 पर क्लिक करें)
इसी तरह इस डॉक्यूमेंट्री में आपको बीकानेर के नामी व्यापारी मेगाफूड पार्क, ड्राईपोर्ट शुरू करने, मंडी टैक्स को न्यूनतम करने, एक्सपोर्ट हब विकसित करने, कई पॉलिसीज को मॉडिफाइड करने की मांग करते नज़र आ जाएंगे। सिर्फ उद्योग ही नहीं..बल्कि शिक्षा, खेल, कला, साहित्य, संस्कृति, पुरातत्व और पर्यटन विकास, स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी कई मांगें बीकानेर के प्रबुद्ध लोगों ने रखी है। अफसोस ! ये मांगें आज तक पूरी नहीं हो सकी हैं।
पीएम साहब ! बीकानेर के पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह है- कुशल राजनीतिक नेतृत्व का अभाव। किसी शहर के विकास में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का योगदान होता है। आपके बीकानेर दौरे के दौरान केंद्र सरकार से प्रतिनिधित्व करने वाले बीकानेर सांसद अर्जुन राम और राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री भजन लाल.. आपके आजू-बाजू रहेंगे। आप उन दोनों को बीकानेर के विकास के लिये निर्देशित कीजियेगा। मुख्यमंत्री अपने विधायकों से बात करेंगे और सांसद मेघवाल ख़ुद ‘इंट्रोस्पेक्ट’ करेंगे।
वैसे, हम यह नहीं कहते कि हमारे सांसद में कोई कमी है। लेकिन ये भी मानते हैं कि राजनीतिक कुशलता में उनका हाथ थोड़ा तंग है। वे अच्छे इंसान हैं, व्यवहार कुशल हैं। होठों पर हंसी, जुबान पर मिठास रखते हैं। पढ़े-लिखे हैं। उन्हें कबीर के दोहे मुख-जुबानी कंठस्थ हैं। किसी ख़ास ‘मौके-टोके’ पर दोहा बोल भी देते हैं। पूरा बीकानेर उनकी गायकी का कायल है। बीते लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने जब “फेर आयसी मोदी फेर आयसी.. ओ तो 400 सीटां रै पार.. मोयदी फेर आयसी” गीत गाया तो जनता झूम उठी थी। उनके व्यक्तित्व की ‘ख़ूबियों’ की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि यह लेख छोटा पड़ जाए। बस ! उनमें कुशल राजनीतिक नेतृत्व का अभाव है। अब इस अभाव का नकारात्मक प्रभाव.. बीकानेर पर पड़ने लगा है। हमारे सांसद ख़ूब चाहते होंगे कि उनका बीकानेर.. आपके बनारस से भी आगे निकल जाए। वे तो आए दिन बीकानेर में विकास की बयार बहाने के लिये घोषणाएं भी करते रहते हैं। उनका कॉन्फिडेंस देखकर लगता है कि इस बार तो मांगें पूरी होनी तय है। लेकिन.. ऐसा हो नहीं पाता। नतीजतन, बीकानेर का अमूमन हर तीसरा नागरिक कहने लगा है कि “अर्जुनजी तो काम ही कोनी करावै।” मेघवाल 4 बार सांसद और कई बार केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। इन 15-16 सालों में वे करोड़ों रुपयों की घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन.. उनकी घोषणाओं पर कभी काम नहीं होता, बस। वहीं, एक हमारे कोलायत के देवी सिंह भाटी साहब हैं, जो बिना किसी पद पर होते हुए भी डंके की चोट पर जनता की मांगें मनवा लेते हैं। राम जाने ! सांसद साब के ही सारे काम क्यों अटक जाते हैं? अब देखिये न-
-मेघवाल जी ने.. बीकानेर को उद्योगों के ईंधन के रूप मे गैस पाइप लाइन से जोड़ने की बात कही, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
–बीकानेर बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कोर्ट परिसर में सेमीनार हाल बनाने की घोषणा तक कर डाली थी, लेकिन कुछ नहीं हो पाया।
बीकानेर में एक कार्यक्रम के दौरान.. वे हाईकोर्ट की वर्चुवल ब्रांच खोलने का मत जाहिर कर चुके हैं। लेकिन कुछ नहीं हो पाया। बावजूद इसके, कि वे देश के क़ानून मंत्री हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री ने राजस्थान सरकार के तत्कालीन केबिनेट मंत्री बी. डी. कल्ला और जिला कलक्टर के साथ मीटिंग करके बीकानेर रेलवे क्रॉसिंग की समस्या के समाधान की बात कही थी। जनता से किया उनका ये वादा भी हवा-हवाई कर दिया गया।
चाहे एयरपोर्ट का विस्तार हो या एक्सपोर्ट हब, हमारे सांसद की कोई घोषणा सिरे नहीं चढ़ती। सवाल है कि उनके साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है? या तो ये कोई सियासी साज़िश है या फिर उनके उनके नेतृत्व में कोई कमी है। मोदी जी ! आप ज़रा मीटिंग करके वजह मालूम करवाइयेगा। अब चूंकि हम लोग आप ही को अपना प्रतिनिधि मानते हैं, ऐसे में इन बातों का असर भी आप ही की छवि पर पड़ता है। आप चाहें तो पिछले कुछ लोकसभा चुनावों के परिणाम देख लीजिये।
2014 लोकसभा चुनाव में- अर्जुन राम मेघवाल क़रीब 3 लाख वोटों से जीते थे। लेकिन..
2019 लोकसभा चुनाव में– जीत का आंकड़ा घटकर सिर्फ क़रीब 2 लाख 64 हजार वोटों पर थम गया था।
वहीं, 2024 के चुनाव में- तो हालत यह हो गई थी कि उनकी जीत का कयास लगाना तक मुश्किल हो गया था। वे जैसे-तैसे जीत तो गए, मगर हार से बचते-बचते। इस बार वे सिर्फ 55,711 वोटों से ही जीत पाये थे.
प्रधानमंत्री जी ! सत्य और तथ्य दोनों आपके सामने हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि बीकानेर लोकसभा सीट पर स्थिति चिंताजनक है। बीकानेर की जनता शहर का विकास चाहती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। इसका सीधा नुक़सान हम जनता और हमारी पीढ़ियों को होने वाला है। बीकाेनर की बदहाली के लिये केंद्र और राज्य.. दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। आप राजस्थान मुख्यमंत्री को निर्देशित करें कि बीकानेर के समग्र विकास पर काम करें। हमारा शहर भी कोटा, जोधपुर, जयपुर की तरह चमकना चाहिये। वहीं, दूसरी तरफ बीकानेर सांसद को उनके व्यवहार, राजनीतिक कुशलता पर काम करने की सलाह दें। उन्हें बोलें कि मोदी के आभामंडल का इस्तेमाल करना छोड़ दें। उन्हें बीकानेर संसदीय क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान देने को कहें। आप कहेंगे तो हम विकास के मुद्दे ढूंढने में, देने में उनका सहयोग कर देंगे। उम्मीद है, वे आपकी बात मानेंगे। आप पर ग़ुस्सा तो कतई नहीं करेंगे। वे समझदार हैं।
इन्हीं उम्मीदों के साथ-
बीकानेर की जनता।
Note- इस लेख पर अपनी राय हमे नीचे comment box में दे सकते हैं।
बीकानेर की जनता अपने शहर का विकास चाहती है और अब तो राजस्थान में डबल इंजन सरकार है। यहां के सांसद केंद्रीय कानून मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं। तीन बार से लगातार सांसद हैं।
पीएम महोदय के सामने आपने जो मुद्दे रखे हैं, वे हमारे यहां के ज्वलंत मुद्दे हैं और पीएम महोदय के निर्देशों से ही इनका समाधान हो सकेगा।
बीकानेर की जनता ने अर्जुन राम जी को संसद भेजा किंतु वोट पीएम मोदी जी के नाम पर ही उन्हें मिले हैं। ऐसे में मोदी जी हमारे भी सांसद हैं और हमारे जनप्रतिनिधि भी। वे बीकानेर की जनता के दर्द को महसूस करेंगे और यहां की समस्याओं का समाधान कर, इसे विकसित शहर बनाएंगे, बीकानेर संसदीय क्षेत्र का प्रत्येक नागरिक यह उम्मीद तो कर ही रहा है।
सुमित जी ! अर्जुन राम जी को सिर्फ मोदी जी के नाम पर वोट मिले हैं, यह बात खुद उनको भी पता है।हम प्रधानमंत्री जी से निवेदन करते हैं बीकानेर की जनता आपको हृदय से चाहती है परंतु हमारे सांसद कुछ नहीं करते। मंत्री के पद पर रहते हुए यह उनके लिए शर्म की बात है। लानत है उनको। कोई अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ऐसे करते हैं क्या?
सुमित जी मैं आपकी बात पर सहमत हूं यह बात कटु सत्य है कि हमारे बीकानेर संसदीय क्षेत्र से अर्जुन राम जी मेघवाल तीन बार जीते हैं पहली बार 3 लाख से भी ज्यादा वोटो से दूसरी बार वह दो लाख से भी ज्यादा वोटो से और तीसरी बार 55000 वोटो से जीते । उनकी लोकप्रियता का तो पता इससे ही लग जाता है। कि वह बीकानेर क्षेत्र में कितने लोग प्रिय हैं फिर रही बात काम करवाने की यह तो हमारे नसीब में ऐसा लगता है लिखा ही नहीं । कानून मंत्री रहते हुए ,केंद्रीय मंत्री रहते हुए ,इन्होंने बीकानेर का कोई विकास कार्य नहीं किया इनको अगर कोई जीत मिली भी है तो हमारे प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी के नाम से। इनका कोई इसमें रोल भी नहीं है । अपने बीकानेर में एक कहावत है कि अगर कोई लोकप्रिय आदमी कोडमदेसर के भेरुजी की तरह कोई भाटा भी थरफ दे तो हम लोग उनकी पूजा करने लगते हैं, कारण यह है कि हम उस जड़ की तरफ जाते हैं जिसने इसको लगाया । तो यहां यह बड़े दुख की बात है आज पीएम साहब हमारे बीकानेर क्षेत्र में हैं। डेवलपमेंट के कई कार्य जो केंद्रीय सरकार के माध्यम से हो रहे हैं तो क्या राज्य सरकार नहीं कर सकती भजनलाल जी भी आए हुए हैं । उनको भी सोचना चाहिए बीकानेर जयपुर उदयपुर से भी पुराना शहर है यहां का विकास करने वाले हमारे भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय सांसद अर्जुन राम जी पता नहीं क्यों विकास नहीं कर पाते हैं लगता है उनके कार्य की कुशलता में कमी है। इनके लिए तो एक कहावत है -अजगर करे न चाकरी पंछी करे ना काम दास मलूका कह गए सब के दाता राम।