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विमर्श: कलेक्टर साहिबा ! लालगढ़ ओवर ब्रिज का काम कब पूरा होगा ?

बीकानेर के लालगढ़ ओवर ब्रिज का काम 3 साल पहले शुरू किया गया था लेकिन बीच में ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। क्या कारण रहे होंगे, यह अलग विषय है। लेकिन बाद में मामला अदालत तक चला गया। फिर अदालत ने फिर से इसका टेंडर करने का आदेश दिया। अदालत के आदेश के बाद अब जनता को इसका काम शुरु होने का बेसब्री से इंतज़ार है। वैसे ‘सरकारी काम’ का ये टेंडर होगा तब होगा लेकिन उससे पहले ये ब्रिज पब्लिक के लिये परेशानियों का पिटोरा ही बन जाएगा। क्योंकि यहां आए दिन दुपहिया चालक गिरते रहते हैं। घायल होते रहते हैं। दर्द से कराहते रहते हैं लेकिन जिम्मेदार अफसरों का इससे क्या ही सरोकार? उनके तो कान में जूं तक नहीं रेंगती। ज़िला कलेक्टर मैडम को तो पता भी नहीं होगा कि इस आधे-अधूरे ओवर ब्रिज ने किस तरह जनता को हाल.. बेहाल कर रखा है।

सवाल उठता है कि क्या यह जन-जीवन से जुड़ा मसला नहीं है? आख़िर क्यों 6 साल से ओवर ब्रिज का निर्माण लटका हुआ है? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी कौन हैं? ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारी के ख़िलाफ़ क्या कार्यवाही की गई? उनकी कितनी सक्रियता रही? समाधान को कितनी प्राथमिकता दी गई ? मौके की स्थिति तो बताती है कि जिम्मेदार अधिकारी ने कभी आकर झांका तक नहीं होगा। बस ! जनता है, जो भुगते जा रही है… भुगते जा रही है। इतना ही नहीं, शहर के जनप्रतिनिधियों तक ने भी इसका जल्द से जल्द समाधान निकालने के बारे में नहीं सोचा होगा। जब राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, सार्वजनिक निगमों, सरकारी विभागों द्वारा सक्षम एजेंसियों के जरिए अधिकारियों की भागीदारी से समय से पूरी कर ली जाती रही हैं, तो फिर इस छोटे से ओवरब्रिज को पूरा करने में इतनी देरी क्यों हो रही है, यह समझ से परे है।

ओवर फॉर नेशनल के अगुवा सुधीश शर्मा ने बीकानेर ज़िला प्रशासन, बीकानेर रेल प्रशासन एवं बीकानेर के नेताओं से अपील की है कि- लालगढ़ रेलवे ओवरब्रिज आपके बस की बात नहीं है तो कृपया वहां पर जो भी रास्ता बचा हुआ है, कम से कम उसको समतल करवा कर आवागमन सुगम करवा दें. रास्ते के गड्ढे हटाने से ही काफ़ी मदद हो जाएगी। ज़िला कलेक्टर ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो जन सहयोग ट्रेक्टर और प्रो क्लेन महीन लगाकर रास्ते को सुगम बनाया जाएगा।

इंजीनियर अम्बाराम इणखिया का कहना है कि “लालगढ रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज काफी समय से लंबित है। तकनीकी रूप से पुरानी और नयी कंक्रीट स्लैब, बीम या पिल्लर में प्रभावी बोंडिंग के लिए समय का ज्यादा अन्तराल नहीं होना चाहिए।”

इस ब्रिज के निर्माण में हो रही असाधारण देरी बहुत चिंता का विषय है। इसमें एक बार पहले शटरिंग गिरने की घटना भी हो चुकी है। किसी भी निर्माण कार्य के कॉन्ट्रेक्ट में विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए कई प्रावधान होते हैं। उन्हें अमल में लाकर इसका काम जल्द से जल्द शुरु करवाने की जरुरत है। कलेक्टर साहिबा ! मौक़ा देखकर आइये और इस समस्या का समाधान करवाइये। जनता आपका शुक्रिया अदा करेगी।

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