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…तो क्या अब बदलेगी गंगाशहर सैटेलाइट हॉस्पिटल की तसवीर?

गंगाशहर राजकीय सैटेलाइट अस्पताल में चिकित्सा संसाधन बढ़ाने की ज़रुरत है। वहीं रोगियों की संख्या को देखते हुए मेडिसन, शिशु रोग विशेषज्ञ बढ़ाने की ज़रुरत है। इस अस्पताल की वजह से पीबीएम अस्पताल पर दबाव कम होता है। हालांकि शहर की दोनों सैटेलाइट जस्सूसर गेट और गंगाशहर की एस.पी. मिडिकल कॉलेज से सम्बध्दता है। संसाधनों के मामले में गंगाशहर सैटेलाइट राजनीतिक पक्षपात के चलते पिछड़ी हुई है। तत्कालीन संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने इस अस्पताल की तरफ ध्यान दिया था। उस दौरान नए डाक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति, संसाधन जुटाने और अस्पताल के बाहरी परिसर को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया था। अब भी सुधार और संसाधनों की जरूरत है। अस्पताल राजनीतिक फायदे या प्रतिष्ठा पाने का स्थान होने की बजाय सेवा करने की जगह है। हालांकि विधायक सिध्दि कुमारी और सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विधायक व सांसद कोटे से अस्पताल की विस्तार योजना में राशि दी थी, जिसका अभी तक जनता को कोई फायदा नहीं मिल पाया है। सांसद कोटे से मिली एम्बुलेंस धूल से अटी पड़ी है। कभी रोगियों के काम नहीं आई है। अस्पताल राजनीति और प्रतिष्ठा पाने की होड से भी घिरी हुई है।

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कुछ माह पहले डॉ. बी.डी. कल्ला ने मंत्री रहते हुए मेडिसन स्टोर का उदघाटन किया। उसमें कांग्रेस के लोग और गंगाशहर नागरिक परिषद के लोगों ने शिरकत की। बीजेपी नेता मोहन सुराणा को इस आयोजन में बुलाकर भी मंच पर नहीं बैठाया गया। अब भाजपा की सरकार में सुराणा की पहल पर गंगाशहर नागरिक परिषद और अस्पताल प्रशासन केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विधायक सिध्दी कुमारी और जेठानंद व्यास प्रसूति विभाग और दवा वितरण केन्द्र का लोकार्पण करेंगे। गंगाशहर सैटेलाइट मानदण्डों के अनुसार और अपडेट करने की जरुरत है। इस दिशा में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने जरूर पहल की है। अब गंगाशहर नागिरक परिषद की कार्य प्रणाली से नाराज़ लोग अस्पताल के विकास के लिए प्रशासन से गोद देने का आग्रह कर रहे हैं। इस उधेड़-बुन और राजनीतिक पक्षपात के बीच भी अस्पताल में कुछेक नए संसाधन बढ़े हैं। जनसंख्या घनत्व वाले उपनगरीय क्षेत्र में स्थित इस अस्पताल को साधन, सुविधा से युक्त किए जाने की आवश्यकता है।

बीकानेर संभाग मुख्यालय का गंगाशहर भीनासर उपनगरीय क्षेत्र नगर की दोनों विधानसभा क्षेत्र पूर्व और पश्चिम का हिस्सा है। कभी यह उपनगरीय क्षेत्र गंगाशहर भीनासर अलग अलग नगर पालिकाएँ होती थीं। अब नगर निगम में समाहित है। बीकानेर के राजनेता शहर के इस हिस्से को शहर से अलग मानकर देखते हैं। बीकानेर पश्चिम विधानसभा का मतलब फकत परकोटा रह गया है। चिकित्सा सुधार का मतलब पीबीएम अस्पताल से माना जाता रहा है। गंगाशहर भीनासर घनी आबादी वाला इलाक़ा है। आस-पास में बड़ा आवासीय क्षेत्र है। किसमीदेसर, चौधरी कालोनी और बाइपास तक फैला आबादी क्षेत्र और करमीसर, सुजानदेसर समेत 20 किलोमीटर की परिधि के 15-20 गांवों का केन्द्र भी गंगाशहर ही है। इस सम्पूर्ण इलाके लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं गंगाशहर राजकीय सैटेलाइट अस्पताल से जुड़ी है। आजादी के बाद यह अस्पताल भट्टड़ परिवार ने बनाकर जनता को समर्पित किया था। तब से सरकार की ओर से यहां चिकित्सा सेवाएं जारी है। अब गंगाशहर नागरिक परिषद सार संभाल और विकास में सहयोगी संस्था के रूप में काम कर रही है। देखना है जन प्रतिनिधि और राज्य सरकार से इस अस्पताल को सैटेलाइट मानदण्डों में लाने के बतौर क्या क्या सुविधाएं इस लोकार्पण समारोह के बाद मिलती है या फिर यह आयोजन लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाकर वाहवाही लेने का उपक्रम मात्र है।

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