विमर्श : कांग्रेस में ‘नये भविष्य’ की तैयारी चल रही है
–हेम शर्मा

कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद और शीर्षस्थ नेताओं की मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि कांग्रेस में जी-23 गुट के नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र भी लिख दिया था, जिसमें पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन की मांग रखी गई थी। यह पत्र कांग्रेस में गांधी परिवार के ख़िलाफ़ एक तरह की बग़ावत ही था। तब से यह माना जाने लगा था कि पार्टी ख़ुद में एक बड़ा परिवर्तन ला सकती है। जिसका आग़ाज़ देर-सबेर ही सही, लेकिन हाल ही में हुआ है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की हाल ही में हुए अहमदाबाद अधिवेशन के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘संगठन सृजन अभियान’ शुरू किया है। जो 100 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का एक राष्ट्रीय स्तरीय संगठनात्मक परिर्वतन अभियान है। इस अभियान से पार्टी जनता के साथ सशक्त, जवाबदेह और सीधा सामंजस्य बना सकेगी। सत्ता से बाहर कांग्रेस फिर से जनता के बीच जाकर लोकतंत्र में नया प्रयोग कर रही है। इसके जरिये कांग्रेस ऊपर से नीचे तक जनता और कार्यकर्ताओं की राय को मानकर दिशा तय करेगी। हालांकि इस अभियान की प्रतिछाया में जी-23 गुट के सुझाव भी छिपे हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इस ‘संगठन सृजन अभियान’ को पंजाब और बीकानेर में धरातल पर उतारने का काम करने वाले राजेश लिलोठिया को दिया गया है। ख़बर अपडेट से बातचीत में लिलोठिया ने बताया कि-
“इस अभियान से कांग्रेस भविष्य में सक्षम नेतृत्व का विकास कर पाएगी जो सक्रिय, प्रतिबध्द और जवाबदेह हो। पूरे देश में इस दिशा में राहुल गांधी के दिशा-निर्देशों में काम चल रहा है। इतना ही नहीं, समाज को भी इस अभियान में सीधा जोड़ा जाएगा। जिसमें व्यापारी, बुध्दिजीवी, पत्रकार, खिलाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को भी लोकतंत्र को दिशा देने के लिए राय ली जाएगी। कांग्रेस संगठन की नई प्रणाली विकसित कर रही है, जिसमें ऐसे लीडर को अवसर देना जो सक्रिय हो, प्रतिबध्द हो और कार्यकर्ताओं के बीच सर्वग्राह्य हो। इसके लिए जनता के बीच से उपयुक्त नेतृत्व का सलेक्शन करना शामिल है। इसी प्रणाली के तहत अभी देश के सभी जिलों में कांग्रेस के जिलाध्यक्षों का चयन की प्रक्रिया चल रही है। फिर ब्लाक, मंडल और ग्राम स्तर पर इसी तर्ज पर कमेटियां गठित होगी। इसके साथ ही कांग्रेस में विभिन्न स्तर की समितियों को मजबूत बनाना शामिल है। जनहित के स्थानीय, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों को निर्धारित करने के लिए भी समितियों का प्रावधान किया गया है।”
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के मॉडल में सत्ता के विकेन्द्रीकरण, एससी-एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला, युवा को संगठन में अवसर और प्रतिबध्द कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नेतृत्व का अवसर देना सुनिश्चित किया जाना है। जो मूल्यपरक राजनीतिक करते हो, विनम्र, दूरदृष्टा और साहसी हो। कुल मिलाकर, सत्ताच्युत कांग्रेस फिर से उठ खड़े होने और सत्ता पाने के हर संभव प्रयास में लगी है। यानी कांग्रेस में ‘नये भविष्य’ की तैयारी चल रही है। जाहिर तौर पर यह पार्टी के भीतर के लोकतंत्र के लिए नई बयार साबित होगी।