विमर्श : श्रीकोलायत में फर्जी भूमि आवंटन मामले में विभागों पर गंभीर सवाल

श्रीकोलायत विधायक अंशुमान सिंह की कोशिशें रंग ला चुकी हैं। वे लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में हज़ारों बीघा जमीन के फर्जी आवंटन का मामला उठा रहे थे। जिसके बाद राजस्व और उपनिवेशन विभाग को स्वीकार करना पड़ा कि कोलायत विधानसभा क्षेत्र में 2200 बीघा जमीन का ग़लत आवंटन हुआ है। ये फर्जी आवंटन खनन क्षेत्र, कपिल सरोवर जलभराव क्षेत्र, सीओ कार्यलय भूमि में हुआ है। अब ये सभी आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि साल 2020 से 2023 के बीच हज़ारों बीघा जमीन का फर्जी आवंटन किया गया था। अब उपनिवेशन विभाग भी मान रहा है कि ग़लत तरीक़े से जमीन का आवंटन हुआ है। ये स्वीकारोक्ति सरकार के विभागीय कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल है। सवाल यह कि अधिकारियों ने नेताओं के संरक्षण में नियमों के विरुद्ध जाकर आवंटन कैसे कर दिया? इसका मतलब तो यह हुआ कि कोई राजनीति दल हो सत्ता के साथ माफिया जुड़कर नेताओं के संरक्षण में नियम विरुद्ध ऐसे काम करवा ही लेते हैं। फिर जब सरकारें बदलती है तो ऐसे मामले बड़े राजनीतिक मुद्दे बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ श्रीकोलायत में हुआ है।
बहरहाल, मामला राजनीतिक और संगीन है। इसकी जद में कई छुटभैया नेता और सफेदपोश आ सकते हैं। देखना वाली बात होगी कि इस घेरे में कितने अफसर, नेता और भू माफिया आते हैं? वैसे कांग्रेस राज में बीकानेर में कथित तौर पर नेताओं के संरक्षण में भू माफिया और अफसरों की मिलीभगत से क़रीब 10 हजार बीघा जमीन के फर्जी आवंटन और खरीद-फरोख्त के मामले सामने आए। जिसमें खाजूवाला, छतरगढ़, पूगल में कई अधिकारियों और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई है। आवंटन भी निरस्त किए गए हैं। श्रीकोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने श्रीकोलायत, बज्जू, बीकमपुर में खनन, आगोर की भूमि और उपनिवेश की भूमि के ग़लत आवंटन के मामले विधानसभा में उठाए। इन मामलों में राज्य सरकार ने नोटिस लिया है। उपनिवेशन विभाग ने 2200 बीघा भूमि का गलत आवंटन स्वीकार किया है। इसकी जांच और निरस्त करने की कार्रवाई प्रक्रिया में है। फर्जी आवंटन नहीं हो, इसके लिए सरकार ने पुख्ता और कड़े नियम बना रखे हैं। बावजूद इसके फर्जी आवंटन किये गये हैं। अब तो दोषियों के खिलाफ हर स्तर पर कड़ी कार्रवाई ही आगे के लिए कड़ा संदेश हो सकता है।