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विमर्श : महामहिम हरिभाऊ साहब ! पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों के मानक अधूरे

राजस्थान में जितने भी कृषि, वेटरनरी, तकनीकी, पत्रकारिता, और बहु संकायी विश्वविद्यालय हैं, उनमें से एक भी विश्व विद्यालय अनुदान आयोग, आईसीएआर, वीसीआई और संबद्ध संस्थानों के तय मानक पूरे नहीं कर पा रहा है। सबसे पहले तो तय पैटर्न के पद रिक्त पड़े हैं। पिछले कई वर्षों से पदों पर भर्ती नहीं हुई है। शिक्षा, शोध, आधरभूत संसाधन की कमी है। सभी विश्व विद्यालयों शैक्षणिक गुणवत्ता में कमी आई है। विद्या और ज्ञान के ये मंदिर राजनीति के अखाड़े बने हुये हैं। कुलपति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक अनुशंसा से होती रही है। अब आपकी भावना का राजस्थान के लोग सम्मान करते हैं कि देश-दुनिया की रैंकिंग में आप राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों को आगे लाने की बात कह रहे हैं। कहना जितना आसान होता है, करना उतना ही मुश्किल होता है।

महामहिम हरिभाऊ किसनराव बागड़े साहब ! आप कुलाधिपति हैं। आपके पास सरकार के संसाधन है। सारे कुलपति आपके आदेशों के अधीन हैं। आप विश्वविद्यालयों की रैंकिग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ला सकते हैं। जनता.. राजस्थान में उच्च शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास के विषय पर आपके साथ खड़ी है। बेशक उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता विकास के लिए कार्य विश्विद्यालयों में हों लेकिन सवाल यह कि कैसे होगा और कौन करेगा ? इसके लिए समर्पित सरकार, शिक्षक और कुलपतियों को कड़ी मेहनत की जरुरत है। सरकार संसाधन भी दें।

आप आज ही प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों का रिपोर्ट कार्ड मंगवा लें। इनकी क्या स्थिति है, मालूम चल जाएगी। बीकानेर के 4 विश्वविद्यालय- एसकेआरएयू, राजुवास, एमजीएसयू और तकनीकी विश्व विद्यालय की हालत भी जांच लीजियेगा। पूरे प्रदेश की तसवीर कांच की तरह साफ हो जाएगी।

यह बहुत अच्छी बात है कि नई शिक्षा नीति के तहत आप विश्वविद्यालयों में उद्योगों से समन्वय कर सीएसआर के तहत युवाओं को लाभान्वित करने की दिशा में सोच रहे हैं। आप बीकानेर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी खुला सकते हैं। जिसके लिए बीकानेर डिजर्व करता है। बीकानेर की एक कंपनी इसके लिए 100 बीघा जमीन और स्टेडियम बनाने का करोड़ों रुपिय खर्च उठाने को तैयार है। कुलाधिपति के रूप में शिक्षा के व्यवसायीकरण और निजी क्षेत्र में शिक्षा की खामियों को दूर करने के की दिशा में भी आपका ध्यान है। आप विश्वविद्यालय शिक्षा का स्तर सुधारना चाहते है। यह राजस्थान प्रदेश और देश की सेवा का सुअवसर आपको मिला है। पांच साल आपके हाथ में है। राजस्थान में काम करके देश में कुलाधिपति की आप मिसाल बन जाइएगा।

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