नागौर ज़िले की खींवसर विधानसभा के उप चुनाव में विश्नोई मतदाता सत्ता से रुठा हुआ है। जीव दया समिति की ओर से संदेश दिया गया है कि सरकार सोलर ऊर्जा लगाने में खेजड़ी वृक्ष की अंधाधुंध कटाई और हरिणों के शिकार के प्रकरणों में कोई नोटिस नहीं ले रही है। श्री जम्मभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था की ओर से उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को खींवसर यात्रा के दौरान सोलर कंपनियों की ओर से खेजड़ी कटाई के प्रकरण के 10 बिन्दुओं से लिखित में अवगत करवाया। साथ ही 10 नवम्बर से महापड़ाव शुरू करने की चेतावनी दी। जिसमें कहा गया है कि महापड़ाव शुरू होगा तो राजस्थान में उप चुनाव भी प्रभावित होंगे। लोगों की सरकार के प्रति नाराजगी प्रकट होगी। संस्था के इस नोटिस से सरकार में हलचल हुई है। खींवसर के विश्नोई मतदाताओं को विश्वास में रखने के लिए नोखा पूर्व विधायक बिहारी लाल विश्नोई को जैसलमेर से चुनाव प्रचार से हटाकर खींवसर लगाया है। मुख्यमंत्री ने 25 नवम्बर के बाद मुद्दे को सुलझाने का आश्वासन दिया है। वहीं बीकानेर जिला कलक्टर ने सोलर कंपनियों के प्रतिनिधियों की मीटिंग रखी गई है। बीकानेर के सिटी मजिस्ट्रेट ने धरनार्थियों को बातचीत के लिए बुलाया है। खेजड़ी कटाई में सरकार की कारर्वाई नहीं करने के मुद्दे पर पर्यावरण प्रेमी और विश्नोई समाज की सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है।
जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में सोलर कंपनियों के प्रतिनिधियों की मीटिंग से धरनार्थी खफा है। उनका सवाल है कि इस मीटिंग का मंतव्य क्या है? क्या कलेक्टर ने सोलर ऊर्जा कंपनियों से सोलर लगाने के साथ ही 30 प्रतिशत भूमि में पेड़ लगाने की रिपोर्ट और सत्यता जांची है ? क्या कलक्टर को यह पता है कि सोलर प्लांट क्षेत्रों में आने वाले गांवों के विद्यालयों इतनी खुली जगह है, जो पेड़ लगाए जा सकें? स्कूलों में भी खेल मैदान है क्या? अगर है तो अब तक पेड़ क्यों नहीं लगे हैं। क्या सोलर कंपनियों के भरोसे वहां पेड़ लगाने का काम लम्बित रखा गया है। कलक्टर साहब गोचर भूमि पौधारोपण के लिए आरक्षित नहीं होती। वहां चारागाह विकास होता है। गोचर भूमि चारागाह के लिए होती है। वन भूमि पेड़ लगाने के लिए आरक्षित है। कलक्टर बताए कि सोलर प्लांट क्षेत्रों में आने वाले कितने गांवों में गोचर भूमि है। जहां सोलर कंपनियां पौधे लगा सकेंगे। जिला कलक्टर की सोलर कंपनियों के साथ यह मिटिंग बेतुकी और औचित्यहीन ही मानी गई है। जिले में तीन स्थानों पर 2 से 3 महिनों से ज्यादा समय से धरने चल रहे हैं। इस संदर्भ में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और प्रशासन के सभी स्तरों पर ज्ञापन भेजें गए हैं। 21 सितम्बर 2024 को मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य रामानंद महाराज के साथ शिष्टमंडल की मुख्यमंत्री से सीएम हाउस में वार्ता हुई। सीएम को 44 पृष्ठ की फाइल सुपुर्द की गई। उस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। संघर्ष समिति के मोख राम धारणियां का कहना है कि सरकार मुद्दे में टालमटोल की नीति अपना रही है। हरियाणा चुनाव से पहले भी इसी तरह मुद्दे से ध्यान हटाने का षड़यंत्र किया गया। कलक्टर की यह मिटिंग भी लीपापोती का प्रयास मात्र है। न तो कंपनियों को कलक्टर के निर्देशित स्थानों पर पौधारोपण करना है और न ही कलक्टर कही हुई बात का कोई परिणाम आने वाला है।