मेरी बात : आइए, ऐसा करके पत्रकारिता की ‘तसवीर’ बदलें
पत्रकार बंधुओ ! कुछ दिन पहले मैंने मीडिया की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए एक आलेख (यहां पढ़ें- पत्रकारो
01.06.2025
पत्रकार बंधुओ ! कुछ दिन पहले मैंने मीडिया की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए एक आलेख (यहां पढ़ें- पत्रकारो
किशमीदेसर में वर्षा जल निकासी की समस्या के मुद्दे पर आपके ‘ख़बर अपडेट’ की जीत हुई। क़रीब 15 दिनों से
गुरुवार को बीकानेर की एसकेआरएयू यूनिवर्सिटी में क़ानून मंत्री ने प्रेस के साथ जो बर्ताव किया, उस पर मैंने ‘मेरी
प्रिय पत्रकार साथियों ! आज ‘मेरी बात’ आप सबके लिये है। मेरी कोशिश रहेगी कि ये आलेख मैं देश के
15 अगस्त 2024 की तारीख़। आज़ादी का दिन। आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बधाई। यह आर्टिकल लिखना शुरु करते ही
गोरख पांडे की कविता है, जो लोकसभा चुनाव के परिणामों पर मौजू लगती है- राजा ने कहा- “रात है।” रानी
पाठकों और दर्शकों ! आज बीकानेर का 537वां स्थापना दिवस है। पूरा शहर ख़ुशियों से झूम रहा है। इस ख़ुशी
चली चली रे पतंग मेरी चली रे..चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार.सारी दुनिया ये देख देख जली
आज 3 मई है यानी ‘वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे’ है। दुनियाभर में इस दिन को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति
बात करने से बात बनती है,बात न करने से बातें बनती हैं। मिरे शहर के लिये कुछ ‘बात’ बने, इसी