
जयपुर। रविवार को झालाना स्थित प्रौढ़ शिक्षण समिति में जर्नलिस्ट्स फॉर जर्नलिज्म (जेएफजे) फोरम की तीसरी बैठक रखी गई। इस बैठक में वरिष्ठ पत्रकारों ने लक्ष्य आधारित कार्य योजना बनाकर काम करने का सुझाव दिया। इसके पहले चरण में युवा पत्रकारों को न्यू मीडिया के विभिन्न आयामों की ट्रेनिंग दिलाने का प्रस्ताव आया। जिस पर सभी पत्रकारों ने एकराय होकर काम करने की सहमति जताई। ट्रेनिंग और वर्कशॉप आयोजित करने और करवाने की जिम्मेदारी युवा पत्रकार अमित शर्मा, प्रवीण जाखड़ और सुमित शर्मा को दी गई।
बैठक में पत्रकारिता के मूल्यों को संरक्षित रखने, इसे नई दिशा देने समेत इन बिंदुओं पर चर्चा की गई-
- जेएफजे से वास्तविक पत्रकारों को जोड़ने के काम को गति दी जाये। हर साथी 4 पत्रकारों को जोड़ें।
- राज्य के अलग-अलग जिलों से आए पत्रकारों को ट्रेनिंग और वर्कशॉप से स्किल्ड किया जाये।
- ज्वलंत मुद्दों पर संवाद कार्यक्रम आयोजित करने, लेखन और पत्रकारिता की गतिविधि बढ़ाई जाये।
- फोरम के मंच से एक्सपर्ट के अनुभव साझा करने, हेल्पलाइन स्थापित करने के सुझाव दिये गये।
- काउंसिल द्वारा पत्रकारों की मान्यता के लिये मापदंड तय किये जाएं। उन्हीं पत्रकारों को मान्यता दी जाए, जिन्होंने-
-कम से कम 3 साल मैनस्ट्रीम मीडिया में काम करने का अनुभव प्राप्त हो। (पुराने पत्रकारों के लिये)
–पत्रकारिता में डिग्री/डिप्लोमा जरुरी, मैनस्ट्रीम मीडिया में कम से कम 1 साल का अनुभव प्राप्त हो। (नये पत्रकारों के लिये)
इस बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा ने की। उन्होंने बताया कि “हमें एक मजबूत आधार बनाकर धीरे-धीरे फोरम की गतिविधियां बढ़ानी चाहिये। बैठक में संवाद कार्यक्रम रखा जाए, जिसमें पत्रकार साथी पत्रकार बनने का उद्देश्य साझा करें कि वे पत्रकार क्यों बने? कैसे बने? साथ ही वरिष्ठ पत्रकारों अपने पत्रकारिता जीवन के 3 किस्से या अनुभव साझा करें। इससे युवा पत्रकारों को प्रेरणा मिल सकेगी।”
आनन्द जोशी ने कहा कि “हम युवा पत्रकारों को क्या दे सकते हैं, उस दिशा में काम शुरु किया जाना चाहिये। साथ ही आज पत्रकारिता का दौर बदल रहा है। युवा साथियों से भी न्यू मीडिया की चीजें सीखी जानी चाहिये। मैं चाहता हूं कि फोरम के युवा साथी जल्द से जल्द कोई ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करें।” इसके अलावा जोशी ने कई सुझाव भी साझा किये।

महेश शर्मा ने पत्रकारिता के वर्तमान हालातों की समीक्षा करते हुए आगे की दिशा बताई। ललित शर्मा ने कहा कि “यह जेएफजे की तीसरी बैठक है। जेएफजे के लक्ष्यों का निर्धारण हो चुका है। अब हमें धरातल पर उतरकर इसके लक्ष्यों पर काम करना चाहिये।”
हेम शर्मा ने प्रस्तावना के बिन्दु रखे और फोरम की गतिविधियों को आगे बढ़ाने और राजेन्द्र राज, हरिओम शर्मा ने काम को गति देने की बात कही। इसी तरह गोपाल गुप्ता, हरिओम शर्मा, पीयूष, प्रवीण जाखड़ समेत सभी पत्रकारों ने अपने सुझाव साझा किये।
युवा पत्रकार सुमित शर्मा ने बताया कि “जेएफजे की बैठक को 4 सेशंस- ‘इंट्रोडक्टरी, इंटरेक्शन, सजेशन और एप्रिसिएशन’ में बांटकर चर्चा करनी चाहिये। पहले सेशन (इंट्रोडक्टरी) में- जेएफजे का इंट्रोक्टरी वीडियो दिखाया जाए, ताकि फोरम से जुड़ने वाला हर पत्रकार कम समय में इसके उद्देश्यों को जान सकें। दूसरे सेशन (इंटरेक्शन) में- संबंधित विषयों पर संवाद हो सकें। तीसरे सेशन (सजेशन) में- सभी साथी अपने सुझाव दे सकें। चौथे सेशन (एप्रिसिएशन) में- जेएफजे के उन पत्रकारों के काम को सराहा जाए, जिन्होंने बीते एक महीने में इसके उद्देश्यपूर्ति की दिशा में अच्छा काम किया हो।”
इस तरह जेएफजे की तीसरी बैठक निर्णायक रही। इसमें यह भी तय किया गया कि प्रौढ़ शिक्षण समिति में हर महीने के दूसरे शनिवार को जेएफजे की बैठक रखी जाएगी। अब इसकी अगली बैठक 11 मई 2025 को रखी गई है।