पत्रकारिता के मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए ‘जर्नलिस्ट फ़ॉर जर्नलिज्म..’ ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना
जयपुर के सरस संकुल स्थित पार्लर में आज ‘जर्नलिस्ट फ़ॉर जर्नलिज्म, फ्रीडम फॉर जर्नलिज्म’ ऑर्गेनाइजेशन (राजस्थान) की बैठक रखी गई। जिसमें ‘पत्रकारिता के मूल्यों की पुनर्स्थापना’ के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में पत्रकारिता जगत से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों सहित नई पीढ़ी के करीब 30 पत्रकारों ने विचार साझा किये।
बैठक की शुरुआत में बीकानेर के वरिष्ठ पत्रकार हेम शर्मा ने कहा कि “जर्नलिस्ट फॉर जर्नलिज्म, फ्रीडम फॉर जर्नलिज्म ऑर्गेनाइजेशन’ में वास्तविक पत्रकारिता करने वाले ही पत्रकार हों, पत्रकारिता की आड़ में पत्रकारिता की साख कम करने वाले गैर-पत्रकार ना हो। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगने वाले अंकुशों का विरोध हो। मूल्यपरक पत्रकारिता को प्रभावी बनाया जाए।”
वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा ने इस मंच को प्रभावी स्वरूप देने पर बल देते हुए कहा कि “वर्तमान में कुछ बड़े घरानों ने पत्रकारों के बंधुआ मजदूर जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा ने कहा कि “नियमित संवाद बना रहे एवं युवा पत्रकार वरिष्ठों के अनुभवों का लाभ ले सकें, ऐसी परिपाटी विकसित करनी चाहिए।”
वरिष्ठ पत्रकार आनंद जोशी ने कहा कि “हम पत्रकारिता में हाई वैल्यूज की बात करें। वर्तमान में मूल्यों की बात करना और संगठनात्मक ढांचे में ही अस्तित्व की लड़ाई है।”
अजय नागर ने पत्रकारिता के लिए संगोष्ठियों एवं कार्यशालाओं का आयोजन कर सृजनात्मक पत्रकारिता करने पर जोर दिया।
वहीं ललित शर्मा ने कहा कि “आज संपादक की जगह मार्केटिंग मैनेजर ने ले ली है। मैनेजर की जिम्मेदारी तय किया जाना आवश्यक है।
गोपाल गुप्ता ने कहा कि “देश, काल, परिस्थिति के अनुसार समय के बदलाव के साथ मूल्याधारित रचनात्मक पत्रकारिता की पहल की जानी चाहिए।”
बैठक में इस फोरम के सलाहकार की जिम्मेदारी वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा, आनंद जोशी एवं गोपाल शर्मा को दी गई। साथ ही, व्हाट्सएप समूह के एडमिन के रूप में राजेंद्र राज, ललित शर्मा, गोपाल गुप्ता एवं अमित शर्मा का चयन किया गया।
यह भी तय हुआ कि पत्रकारिता के मूल्यों को लेकर संगठन हर महीने इसी तरह की बैठक का आयोजन करेगा। इस बैठक में हरिओम शर्मा, पीयूष कुलश्रेष्ठ, अनिल माथुर, आशा पटेल, अनु अग्रवाल, प्रकाश श्रीवास्तव, राजेश नागपाल, अमित शर्मा, सुमित शर्मा, बाबूलाल नागा, दीपक मेड़तवाल, ओम दैया, फारुक खान, राजेंद्र जैन, विमलेश शर्मा, विजय जैन समेत करीब 30 पत्रकारों ने भाग लिया।
आज ये आवश्यक हो गया है कि पत्रकार पत्रकारिता का सही अर्थ समझें और पत्रकारिता में निष्पक्षता के महत्व को हृदयंगम करें। यदि किसी तराज़ू का एक पलड़ा पहले से ही झुका होगा तो वो तराज़ू किसी भी स्थिति में सही तौल नहीं सकता। ठीक इसी तरह पत्रकार जिस पर सामाजिक न्याय का दायित्व है, यदि किसी भी विचारधारा की ओर झुका होगा तो कभी अपने इस दायित्व को निभा नहीं पाएगा। इसलिए इस प्रकार की विचार गोष्ठियां होना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं जिनमें वरिष्ठ और युवा दोनों प्रकार के पत्रकार बैठकर मंथन करें कि पत्रकारों के लिए किस प्रकार का आचरण अपेक्षित है और किन किन चीज़ों से बचकर वो समाज के प्रति अपने दायित्व को ईमानदारी से निभा सकते हैं।