#PositivePatrakarita Success Talks विमर्श

मजबूत लोकतंत्र के लिये ‘पॉजीटिव जर्नलिज्म’ को संबल देने की ज़रुरत

“भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ। लेकिन मौजूदा दौर में मीडिया रूपी पिलर डगमगा रहा है। आज जब पत्रकारिता ही अपना कर्तव्य पथ छोड़ती जा रही है तो मजबूत लोकतंत्र की उम्मीद रखना बेमानी लगती है। इसलिये लोकतंत्र की मजबूती के लिये मीडिया का मजबूत होना बहुत जरुरी है। लेकिन सवाल उठता है- कैसे? तो जवाब हो सकता है- पॉजीटिव जर्नलिज्म। ये पिलर अब मीडिया जितना मजबूत होगा, लोकतंत्र भी उतना ही मजबूत होगा। इसीलये जरूरी है कि सरकारें भी निष्पक्ष और सकारात्मक पत्रकारिता को संरक्षण, प्रोत्साहन और आगे बढ़ाने में मदद करे। सत्ता पत्रकारिता को पिछलग्गू और नियंत्रण करने की कोशिश न करें। मजबूत लोकतंत्र और सशक्त राष्ट्र के लिए निष्पक्ष और सकारात्मक पत्रकारिता ही बदले हालातो में सही विकल्प है। पत्रकारिता का समाज, राजनीति, बुद्धिजीवी वर्ग और युवा कर्तव्य पथ के हमराही बने। आज की पत्रकारिता अपना कर्तव्य पथ छोड़ती जा रही है और आलोचना के घेरे में है।”

यह बात ख़बर अपडेट द्वारा बीकानेर के रविंद्र रंगमंच में आयोजित ‘सक्सेस टॉक्स’ कार्यक्रम की प्रस्तावना में कही गई। जिसकी ताईद देश के तीन रीयल लाइफ हिरोज- पिपलांत्री से पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता- श्याम सुंदर पालीवाल, पद्मश्री से सम्मानित, बीबीसी की सीनियर जर्नलिस्ट सारिका सिंह और युवा मोटिवेशनल स्पीकर रोशन नागर ने की। पॉजीटिव जर्नलिज्म के कार्यक्रम- ‘सक्सेस टॉक्स’ में इन तीनों नेशनल लेवल के स्पीकर्स ने अपनी संघर्षों से भरी कहानी से यूथ और पब्लिक को मोटिवेट किया। श्रोताओं ने तीनों के जीवन संघर्ष का तालियों से आत्मसात किया। इनकी जीवन कहानियां इतनी इमोशनल थी कि किसी की आंखें नम हुई तो कोई जोश से लबरेज हो गया।

डॉ. श्याम सुंदर पालीवाल को बेटी, जल, जंगल, गोचर और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए साल 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। पालीवाल श्रोताओं को अपने जीवन की संघर्ष और सफलता की कहानी बताई और श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। वहीं बिहार की एक छोटी सी जगह से निकलकर BBC न्यूज़ का सफ़र तय करने वाली सारिका सिंह की राह में कई पथरीली पगडंडियां और कांटे थे। यहां तक कि वो एक गंभीर बीमारी से इतनी पीड़ित हो गईं कि उन्हें पत्रकारिता बीच में छोड़नी पड़ी। लेकिन सारिका सिंह नहीं, डटी रहीं। एक समय बाद उन्होंने न सिर्फ बीमारी को मात दिया बल्कि फिर से करियर की शुरुआत की। कई बरसों के संघर्ष के बाद आज सारिका BBC News में जिस मुकाम पर है, वो किसी प्रेरणा से कम नहीं है। सारिका सिंह ने पत्रकारिता के मूल्यों और खुद के मुकाम हासिल करने का प्रेरणास्पद वृतात सुनाया। युवाओं और राजनीतिक लोगों के सवालों के जवाब दिए।इसी तरह रौशन नागर के जीवन को भी एक हादसे ने पलट कर रख दिया। उनको 36,000 वॉल्ट का करंट लगा, जिसके बाद उनके दोनों हाथ और एक पांव काटना पड़ा। फिर शुरू हुआ अज़ीयतों का दौर। कोई और होता तो टूट जाता लेकिन रौशन अटूट रहे। बिन हाथ-पैर के भी उन्होंने जो मुकाम पाया है, वो औरों के लिए एक मिसाल बन गया।

साल 2021 से लेकर अब तक इस प्लेटफॉर्म पर ‘दर्ज़नों लोगों की कहानी, उन्हीं की जुबानी’ सुनवाई जा चुकी है। इनमें पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों से लेकर कई बड़े IAS अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। सक्सेस टॉक्स के फाउंडर सुमित शर्मा ने बताया कि “ख़बर अपडेट अपने #positivejournalism वाले इस कार्यक्रम में देशभर से ऐसे ही ‘कोहिनूर’ चुनकर लाते हैं, जिन्होंने संघर्षों में तपकर एक मुकाम हासिल किया हो. जिनसे युवा प्रेरित हो सके। हम ‘सक्सेस टॉक्स’ को देश के अन्य शहरों तक भी ले जाना चाहते हैं।

बीकानेर में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में एक डॉक्यमेंट्री फिल्म के जरिए ख़बर अपडेट द्वारा पत्रकारिता में किये गये नवाचारों को दिखाया गया। इस मौके पर देवी सिंह भाटी ने प्रेरणा और जोश से भर देने वाली कविता सुनाई। अंत में अतिथियों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी, पूर्व गृहराज्य मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल, विधायक जेठानंद व्यास, पूर्व विधायक आर.के. दास गुप्ता, ब्रह्म कुमारी कमला बहन, डॉ. ओ. पी. श्रीवास्तव, पूर्व न्यास अध्यक्ष मक़सूद अहमद, प्रो-वाइस चांसलर डॉ. हेमंत दाधीच, व्यापारिक संगठनों से जय प्रकाश अग्रवाल, डॉ. एम. साबिर समेत विभिन्न क्षेत्र के प्रतिनिधियों और बीकानेर की यूनवर्सिटीज और स्कूल्स से युवाओं ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन- संजय पुरोहित ने किया।

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