बीकानेर News

13 जनवरी को होगा ‘राष्ट्रीय गो उद्यमिता प्रोत्साहन पुरस्कार’ समारोह

बीकानेर। राजस्थान गौ सेवा परिषद, ने ‘गौ टेक-2023’ के दौरान स्व. भंवर लाल जी कोठारी की स्मृति में ‘गो उद्यमिता प्रोत्साहन’ के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी। 13 जनवरी, 2024 को सुबह 11 बजे बीकानेर के जिला उद्योग संघ में जीसीसीआई के संस्थापक डॉ. कथीरिया को गौ सेवा और उनके अथक प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाएगा। इस सम्मान समारोह में स्वामी विमर्शानंद गिरि, महंत लालेश्वर महादेव मंदिर का सान्निध्य प्राप्त होगा। वहीं, अध्यक्षता पूर्व सिंचाई मंत्री व भाजपा नेता देवी सिंह भाटी करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहकार भारती के राष्ट्रीय प्रमुख- श्री दीनानाथ ठाकुर एवं विशिष्ट अतिथि- विधायक जेठानंद व्यास, अंशुमान सिंह भाटी होंगे। विशेष वक्तव्य प्रो. सतीश के. गर्ग, कुलपति राजुवास का होगा। वहीं स्वागत भाषण राजुपास के पूर्व कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत देंगे। समारोह समापन के बाद इसी दिन 13 जनवरी, 2024 को दोपहर 2 बजे जीसीसीआई राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की पहली ऑफलाइन बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

राजस्थान गो सेवा परिषद के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत ने बताया कि “इस समारोह में देशभर से जीसीसीआई के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। राजस्थान गो सेवा परिषद ‘देशभर में गोपालकों को गोबर और गोमूत्र का पैसा मिले, गोबर से खाद और गोमूत्र से कीट नियंत्रक बने’ इस उद्देश्य को लेकर साल 2016 से कार्यरत है और 13 राज्यों की 168 संस्थाओं के संपर्क में है। परिषद ने इस विषय पर देश-प्रदेश में कई राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन भी करवाकर राज्य सरकारों, केंद्र सरकार, भारत सरकार के नीति आयोग और राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का ध्यान आकृष्ट किया है। हमने इस बात पर बल दिया कि विभिन्न स्तरों पर ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिये जिससे गोपालकों को गोबर-गोमूत्र के भी दाम मिले, देश में गो उत्पाद आधारित उद्यमिता का नया सेक्टर विकसित हो।”

“अगर गोपालकों को गोबर-गोमूत्र का भी दाम मिलने लगेगा तो गोपालन किफायती काम हो जाएगा। इससे देश में दूध का उत्पादन बढ़ेगा, गो-धन आधारित आर्थिक गतिविधियां बढ़ जाएंगी, आर्थिक समृद्धि आएगी। भारत दुनिया का वो देश है, जहां गो आधारित उद्यमिता रुपी नये औद्योगिक सेक्टर का विकास हो रहा है। इस उद्योग की इंडस्ट्री के लिए मशीनरी बनाई जा चुकी गई है। फिलहाल देश में 300 से ज्यादा गो आधारित उत्पादों का विपणन किया जा रहा है। कुल मिलाकर भविष्य में गो आधारित उद्यमिता का विकास होगा। इसी भावना से राजस्थान गो सेवा परिषद ने राष्ट्रीय गो उद्यमिता प्रोत्साहन पुरस्कार की घोषणा की है। इसका प्रथम पुरस्कार राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार और जीसीसीआई के अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया को दिया जाएगा।”

डॉ. गहलोत ने यह भी बताया कि “राजस्थान गो सेवा परिषद का राजस्थान सरकार, विभिन्न प्रदेशों की सरकारें, नीति आयोग और भारत सरकार से अपील है कि ऐसी नीतियां बनाएं जिससे गोपालक को गोबर गोमूत्र का पैसा मिल सकें। यह प्रमाणित है कि गोबर गोमूत्र ऊर्जा का सतत स्रोत है। जमीन का पोषण है। गोबर-गोमूत्र का महत्व पौराणिक ग्रंथों में भी वर्णित है। वैज्ञानिक रूप से इनकी उपादेयता सिद्ध है। राजस्थान गो सेवा परिषद तो सबका ध्यान आकर्षित करने और इस मुद्दे पर पर काम करने का एक मंच है। इसमें राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विवि के एमओयू के तहत परिषद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम रहा है। जीसीसीआई भी परिषद के इस उद्देश्य में नीतिगत रूप से सहयोगी है। आप सबके सहयोग से इस उद्देश्य को संबल मिलेगा।”

कार्यक्रम की ज्यादा जानकारी आप यहां देख सकते हैं-

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