बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कोलकाता में सम्मानित किया जाएगा। कोलकाता की प्रतिष्ठित की संस्था ‘विचार मंच’ उन्हें ‘प्रो. कल्याणमल लोढ़ा सारस्वत साधना’ सम्मान से सम्मानित करेगी। तिवाड़ी को यह पुरस्कार 17 मार्च 2024 को कोलकाता में आयोजित ‘विचार मंच सम्मान समारोह’ के दौरान दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपये और सम्मान पत्र दिया जाएगा।
राजस्थान के बीकानेर निवासी मालचंद तिवाड़ी का जन्म 19 मार्च 1958 को हुआ था। साहित्य को अपना जीवन समर्पित कर चुके तिवाड़ी कई पुस्तकें लिख चुके हैं। जिनमें ‘पर्यायवाची’ (उपन्यास); ‘पानीदार तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सुकान्त के सपनों में’, ‘जालियाँ और झरोखे’, ‘त्राण तथा अन्य कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह), बोरुंडा डायरी, स्त्री का पुरुषत्व, अंडे और आकाश । राजस्थानी—‘भोळावण’ (उपन्यास); ‘धड़न्द’, ‘सेलिब्रेशन’ (कहानी-संग्रह); ‘उतर्यो है आभो’ (कविता-संग्रह) समेत कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साहित्यकार ‘विजय दान देथा’ पर आधारित उनकी पुस्तक ‘बोरुंदा डायरी’ को कालजयी रचना माना जाता है। वे एच.जी. वेल्स की कालजयी कथाकृति ‘टाइम मशीन’ का ‘काल की कल’ शीर्षक से हिन्दी में अनुवाद; ‘गीतांजलि’ का मूल बांग्ला से राजस्थानी में गीति छन्द में अनुवाद; विजयदान देथा कृत ‘बातां री फुलवाड़ी’ का हिन्दी में अविकल अनुवाद कर चुके हैं।
साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी कई सालों तक साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के लिये राजस्थान भाषा परामर्श मंडल के संयोजक भी रह चुके हैं। उनकी लेखनी के प्रशंसक पूरे देश में मिल जाएंगे। यही वजह है कि साहित्य सृजन के लिये उन्हें देश की कई साहित्यक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें टैस्सीटोरी सम्मान, गणेशीलाल व्यास पद्य पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार, पृथ्वी राज राठौड़ पुरस्कार मिल चुका है।
अब 17 मार्च को तिवाड़ी को ‘प्रो. कल्याणमल लोढ़ा सारस्वत साधना’ सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। वरिष्ठ साहित्यकार तिवाड़ी के नाम की अनुशंसा बीकानेर के पत्रकार और फिल्मकार सुमित शर्मा ने पिछले साल अपने कोलकाता प्रवास के दौरान की थी। इस सम्मान के लिये चयनित किए जाने से मालचंद तिवाड़ी अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि “कोलकाता की अति प्रतिष्ठित संस्था विचार मंच से पुरस्कृत होना मेरे लिये गौरव का विषय है। कोलकाता की संस्था राजस्थान के साहित्यकारों के सृजन पर भी इतना ध्यान रखती है, ये हम राजस्थानियों के लिये अच्छी बात है। मैं हृदय की गहराइयों से विचार मंच का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।”