‘बीकानेर समग्र विकास समिति’ के समक्ष रखे बीकानेर के विकास के मुद्दों में से 50 प्रतिशत समस्याओं का समाधान तो जिला कलक्टर के स्तर पर ही हो सकता है। कुछ नीतिगत, वित्तीय स्वीकृति और रिक्त पदों की भर्ती का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाने हैं। अधिकांश समस्याए निस्तारण की प्रक्रिया में है। प्रशासन को प्रक्रिया में तेजी लाने की जरुरत है। जिला कलक्टर के यहां मुद्दों से संबंधित विभागों के अधिकारियों की यथा शीघ्र मीटिंग रखकर संबधित विभाग को समाधान के प्रस्ताव बनाने और रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने की कार्रवाई करने की जरुरत है। बीकानेर के समग्र विकास की डॉक्यूमेंट्री के प्रजेंटेशन के बाद जिला उद्योग संघ में लघु उद्योग भारती और अन्य उद्योग संगठनों की खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री सुमित जी गोदारा की अध्यक्षता आयोजित बैठक में डॉ. विश्वनाथ (विधायक खाजूवाला) के प्रस्ताव पर आप सबकी उपस्थिति में मान्य खाद्य आपूर्ति मंत्री श्री सुमित जी गोदारा की अध्यक्षता में समिति गठित की गई, जिसमें सभी विधायकों को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया। संरक्षक की भूमिका के लिये देवी सिंह भाटी ने स्वीकृति दी। समिति सचिव की जिम्मेदार प्रकाश नवहाल को दी गई है। इसमें विकास के प्रस्तावित सभी सेक्टर से विशेषज्ञ सदस्य शामिल किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें आपकी महत्ती भूमिका है। आप इन विकास के मुद्दों पर काम करके बीकानेर का जन जीवन बदल सकते हैं-
1. आधारभूत विकास : वाजिब कीमत पर औद्योगिक और व्यवसायिक उपयोग की भूमि सरकार उपलब्ध करवाएं। बिजली, पानी और सड़क की सुविधा मुहैया करवाएं। समाधान: नीतिगत प्रस्ताव राज्य सरकार को जिला प्रशासन के स्तर से भिजवाए जाए।
2 औद्योगिक विकास: (A.) ड्राइपोर्ट समाधान: अब तक हुई कार्रवाई के आधार पर अगला स्टेप प्रशासन के स्तर पर उठाया जाए।
(B.) मेगा फूड पार्क समाधान: राज्य सरकार ने मेगा फूड पार्क की स्वीकृति दे दी है। जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्रवाई को तत्परता से आगे बढ़ाया जाए।
(C.)गैस पाइप लाइन समाधान: बीकानेर से होकर गैस पाइप लाइन ले जाने के प्रस्ताव पर कार्रवाई हो।
(D.) हवाई सेवाएं समाधान: हवाई सेवाओं के लिए कई दावे और प्रस्ताव है। जिला प्रशासन व्यवहारिक प्रस्ताव आगे की कार्रवाई के लिए भेजे।
(E.) रिंग रोड समाधान:, राज्य सरकार के स्तर पर तत्काल स्वीकृति देकर एक हिस्से का लंबित काम शुरू हो।
(F.) माइंस को इंडस्ट्री का दर्जा, समाधान: सरकार स्वीकृति दें।
(G.) एक्सपोर्ट हब, समाधान: एक्सपोर्ट की सुविधा देने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी जाए। टेक्सटाइल पार्क, कपड़ा प्रिटिंग कलस्टर।
(H.) ज्वेलरी कलस्टर समाधान: राज्य सरकार तीनों के लिए आधारभूत सुविधाएं दें।
(I.) पोटाश समाधान : पोटाश का खनन शुरू करने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है।
इसी तरह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोठ की खेती को संवर्धित किया जाए। यहां उत्पादित कृषि जिंसों का बीकानेर में ही प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर उत्पाद बने। समाधान: यूनिट लगाने में सरकार सहयोग करें। खाद्य उत्पादों का एक्सपोर्ट के लिए बीकानेर में सर्टिफिकेशन की सुविधा हो। रिको में काम की गति बढ़ाई जाए। खारा उद्योग क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाए। पुरानी माइंस की अवधि 10 वर्ष बढ़ाई जाए। माइंस लीज 4 हेक्टेयर से बढ़ाकर 10 हेक्टेयर की जाए। बीकानेर से 10 हजार टन सिरेमिक्स गुजरात जाता है। 300 रूपए टन की ये क्ले से गुजरात में उत्पाद बनाकर 12 हजार रुपए टन बेची जाती है। ये इंडस्ट्री बीकानेर में लग जाए तो बीकानेर और राजस्थान की सकल आय का आंकड़ा बदल सकता है। समाधान: जरूरत आधारभूत संसाधन विकसित करने की है।
3. शिक्षा का हब बने बीकानेर: बीकानेर में चार विश्व विद्यालय, 5 आई सी आर इंस्टीट्यूट, मेडिकल कॉलेज सैकड़ों कोचिंग इंस्टीट्यूट है। फिर भी बीकानेर एज्युकेशन हब नहीं है। इसका कारण शिक्षा के आधारभूत संसाधनों की कमी है। सर्वाधिक कमी शिक्षकों की है। पी टी आई नहीं है, कोच नहीं है लाइब्रेरियन नहीं है। रोजगार आधारित पाठ्यक्रम नहीं है। 45 करोड़ का एमजीएस यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स है परंतु कोच नहीं है। बीकानेर में राजस्थान की एकमात्र स्पोर्ट्स स्कूल है जहां संसाधनों की नितांत कमी है। बीकानेर में एक खेल स्टेडियम और इंडोर स्टेडियम की जरूरत है। समाधान: रिक्त पद भरे और संसाधन बढ़ाएं जाए।
4 कला , साहित्य, संस्कृति,पुरातत्व और पर्यटन : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऊंट उत्सव की विभिन्न प्रतियोगिता में पुरस्कार की राशि बढ़ाई जाए। ऊंट नृत्य प्रशिक्षकों की सेमिनार रखी जाए। ऊंट राज्य पशु है पर्यटन में उपयोग से ऊंट को संरक्षण मिलेगा। साहित्य संस्कृति अकादमियां भी पुरस्कार की राशि बढ़ाए। कल्चर आर्ट को बाजार से जोड़ें। बीकानेर में साहित्य परिसर का निर्माण हो। साहित्यकार, कलाकार और कलाओं पर डॉक्यूमेंट्री बनाई जाए। पांडुलिपि और दुर्लभ ग्रंथों तक शोधार्थियों की पहुंच बने। साहित्य संस्कृति, कला संरक्षण की आकर्षक योजना बने। लुप्त होती कलाओं को प्रश्रय दिया जाए। नाईट टूरिज्म बढ़े और श्रीकोलायत का पर्यटन स्थल के रूप में विकास हो। कपिल मुनि की स्थली की तरफ पूरे देश का ध्यान आकर्षित हो। मांड गायकी और लोक गायकी को बढ़ावा दिया जाए। समाधान: समिति बनाकर हर बिंदु पर काम किया जाए।
5 स्वास्थ्य सेवाएं: पीबीएम में केंद्रीकृत ओ पी डी ब्लाक बने। अस्पताल में नॉर्म्स के अनुरूप संसाधन दिए जाए। अस्पताल में इमरजेंसी सेवाए एक जगह हो। केंद्रीकृत पार्किंग बने। तीन अधीक्षक, मर्दाना, जनाना और शिशु अस्पताल में लगे। अस्पताल के चारों तरफ हुए अतिक्रमण हटाए जाए । बीकानेर के चारों हाई वे पर सब डिविजनल अस्पताल खुले जहां 24 घंटे सेवाए हो। बीकानेर में एक और मेडिकल कॉलेज और एम्स खुले। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा हो। समाधान: सभी समस्याए ऐसी हैं जिनका समाधान हो सकता है। दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में बनी मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी यह काम कर सकती है।