कौन कह्ता है कि इस आंदोलन में राजस्थान का किसान शरीक नहीं. लहू किसी भी सूबे के किसान का हो. काटोगे तो लाल रंग ही निकलेगा. किसान खेत के कांटे सह लेगा, रात के ढाई बजे जब सब रजाई में दुबके होंगे, वो आपके लिए खेतों में पानी भी छोड़ देगा मगर गाली खाना कतई स्वीकार न करेगा. वैसे तो किसान चुप रह्ता है, मगर खालिस्तानी और गद्दार कहोगे तब भला वो क्यों चुप रहेगा? देखिये किसानों को गाली देने पर भड़के इस किसान ने क्या कहा है? नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक करें-