-70 के दर्शक की वो अदाकारा, जिसकी ख़ूबसूरती का पूरा हिंदुस्तान कायल था
-वो एक्ट्रेस, जिसकी एक्टिंग और डांस को देखकर देखने वाले देखते रह जाते थे
-परवीन बॉबी... वो अभिनेत्री थी जो टाइम मैगजीन पर आने वाली पहली एक्ट्रेस बनीं
-लेकिन इतनी मशहूर अभिनेत्री का उनके आख़िरी समय में न तो उनके रिश्तेदारों ने साथ दिया और न ही उनके तीनों प्रेमियों ने
-बुलंदियों पर छाई एक्ट्रेस परवीन बॉबी को बेड़ियों में जकड़कर पागलखाने ले जाया गया था।
-दु:खी-हारी परवीन की मौत के 3 दिन बाद उनके मरने की सूचना मिली और उनकी पोस्टमार्टम ने सबको चौंका दिया था
बॉलीवुड की सबसे बोल्ड एंड ब्यूटीफुल एक्ट्रेसेस में से एक थीं- परवीन बॉबी. जिन्होंने इतनी तेज़ी से कामयाबी की बुलंदियां छुईं कि सबको पछाड़ दिया था. गुजरात के नवाबी परिवार से ताल्लुक रखने वाली परवीन बॉबी ने अपने अभिनय से बेशुमार नाम और दौलत कमाई थी. डैनी, कबीर बेदी और महेश भट्ट इनके प्रेमी भी रहे थे। परवीन ने जितनी तेजी से कामयाबी हासिल की उसी रफ्तार से वो गुमनामी की दुनिया में भी चली गईं. उनके आख़िरी समय, उनकी मौत और फिर उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हर किसी को रूला दिया था. नमस्ते दोस्तों मैं ख़ुशबू पंचारिया और आप देख रहे हैं बॉलीवुडनामा. आज की इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं- मशहूर एक्ट्रेस परवीन बॉबी की. जिनकी दुखांतिका जानकर आप आंखों से भी आंसू आ जाएंगे.
4 अप्रैल 1954 को गुजरात वली मोहम्मद खान के घर में परवीन बाबी का जन्म हुआ। अहमदाबाद से पढ़ाई पूरी करने के बाद परवीन ने मॉडलिंग में कदम रखा। बचपन से ही बोल्ड रही परवीन को कॉलेज के दिनों में ही अक्सर सिगरेट पीते देखा जाता था। एक दिन ऐसे ही कश लगाती हुईं परवीन पर फिल्ममेकर बीआर इशारा की नज़र पड़ी और परवीन की बॉलीवुड में एंट्री हो गई। साल 1973 में परवीन ने पहली फिल्म की- 'चरित्र'. इस फिल्म में ख़ूबसूरत परवीन ने दमदार एक्टिंग की लेकिन अफसोस ! यह फिल्म फ्लॉप रही। भले ही यह फिल्म न चली हो लेकिन परवीन ने अपने अभिनय से कई डायरेक्टर्स का ध्यान खींच लिया था. नतीजतन, उन्हें एक के बाद एक कई फिल्में ऑफर हुईं। उन्होंने साल 1974 में मजबूर, 1975 में दीवार जैसी हिट फिल्मों में काम किया और तेज़ी से कामयाबी की सीढियां चढ़ती गईं.
बताया ये भी जाता है कि उस दौर में कोई भी डायरेक्टर कोई बड़ी फिल्म बनाता था, तो उसकी पहली पसंद- परवीन बाबी थी. और तब पेशनेबल परवीन अपने बोल्ड और वेस्टर्न लुक के साथ अपनी एक्टिंग का जादू बिखेरती और हिट पर हिट फिल्म देती गई. दी दीवार, अमर अकबर एंथोनी, सुहाग, काला पत्थर, द बर्निंग ट्रेन, शान और कालिया जैसी बेहतरीन फिल्मों में उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की. और देखते ही देखते परवीन ने बहुत कम समय में वो मुकाम हासिल कर लिया था जिसे पाने के लिए बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियां तरसती थीं. 70-80 के इस दौर में हर बड़ा प्रोड्यूसर और डायरेक्टर परवीन के साथ काम करना चाहता था. उस दौर में अमिताभ बच्चम और परवीन बोबी की जोड़ी सुपर-डुपर हिट मानी जाती थी. यही वजह रही कि परवीन ने सबसे ज्यादा अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था. इस जोड़ी की फिल्में जैसे- ‘अमर अकबर एंथोनी’, 'दो और दो पांच', ‘नमक हलाल’, ‘शान’ आज भी दर्शकों के दिलों में ज्यों की त्यों कायम है.परवीन बॉबी न सिर्फ फेमस एक्ट्रेस रहीं बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ के चलते भी खासी चर्चाओं में रही थीं. उनके ख़ूबसूरती, उनके डांस और उनके स्टारडम का हर कोई मुरीद था. डैनी, कबीर बेदी और महेश भट्ट के साथ परवीन का नाम जुड़ा।
परवीन जितनी तेजी से ऊंचाई को छू रही थी, उतनी ही तेज़ी से उनकी किस्मत कोई और ही कहानी रच रही थी. वक़्त का पहिया घूमा और दर्द-ओ-सितम ने उनकी ज़िंदगी को घेर लिया. एक दौर ऐसा भी आया जब उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई और लोगों ने उनसे दूरियां बना ली। अकेलेपन ने उन्हें घेर लिया था. परवीन की स्थिति ऐसी बिगड़ी कि उन्हें पागल तक घोषित कर दिया गया. परवीन पर दुखों का पहाड़ टूटना शुरु हो चुका था. जिंदगी के इस उतार और ब्रेकअप्स से वो पूरी तरह टूट चुकी थी. जिसके बाद उन्होंने खुद को अकेले ही कैद कर लिया। यहां तक कि उन्होंने अपने सभी नौकरों को हटा दिया था। इसके बाद एक और मोड़ आया. परवीन को पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया नाम की लाइलाज बीमारी हो गई। जिससे उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा था। धीरे-धीरे सब लोगों ने उनसे दूरियां बनानी शुरु कर दी. परवीन का मानसिक संतुलन ऐसा बिगड़ा कि उन्होंने बिल क्लिंटन, प्रिंस चार्ल्स, यूएस गवर्नमेंट, बीजेपी गवर्नमेंट, अमिताभ बच्चन समेत कई नामी लोगों के खिलाफ केस फाइल किया। परवीन का कहना था कि ये लोग उनकी जान लेना चाहते हैं। साल 1984 में तो हद ही पार हो गई. मानसिक रूप से परेशान परवीन न्यूयॉर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अजीब बर्ताव करने लगी, जब सिक्योरिटी स्टाफ ने उनसे पूछताछ की तो वो अपनी पहचान नहीं बता सकीं। उन्हें हथकड़ियां पहनाकर पागलों के साथ बंद कर दिया गया। जानकारी मिलते इंडियन काउंसिल उनके पास पहुंचे तो परवीन मुस्कुरा रही थीं।
इतना ही नहीं, बॉलीवुड की इस मशहूर एक्ट्रेस का अंत दुखांतिका से भरा हुआ था. उनका आखिरी समय इतना बुरा था कि कोई कल्पना ही नहीं कर सकता था. उनके आख़िरी समय, उनकी मौत और फिर उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने हर किसी को रूला दिया था.अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री परवीन अब पूरी तरह से गुमनामी के गर्त में डूबती जा रही थी. न खाने का पता था और न ही रहने की सुध. आमतौर पर वो बाहर से कुछ लाकर खाती थी. उनके घर के बाहर दूध के पैकेट और न्यूजपेपर इकट्ठा हो गए थे। लेकिन ज्यों ज्यों हालत बिगड़ती गई, वो खाना बनाने में असमर्थ होती गई। 22 जनवरी को 2005 में परवीन बाबी के पड़ोसियों को परवीन को लेकर कुछ शक हुआ तो उन्होंने पुलिस को खबर की। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हुई तो वहां परवीन का शव मिला। पूरा घर उलट हो चुका था और पलंग के पास रखी थी एक व्हीलचेयर। पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि परवीन ने कई दिनों से खाना नहीं खाया था. उनके शरीर में सिर्फ शराब मिली थी। उन्होंने खाना खाना छोड़ दिया था. उनकी व्हीलचेयर देखकर ये अंदाजा लगाया गया कि आखिरी दिनों में वो चल भी नहीं पा रही थीं। और इस तरह दुख, निराशा, अकेलेपन से घिरी एक मशहूर अभिनेत्री इस दुनिया को छोड़कर रुखसत हो गई.