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23 March 2021 01:02 PM
कई बार सुना होगा कि 'नाम में क्या रखा है?' लेकिन हम जो वाकया आपको बताने जा रहे हैं, वो जानकर आप कह देंगे कि 'काम लाजवाब हो तो नाम ही काफी होता है.' चलिए, अब नाम और काम की उधेड़बुन को सुलझाते हैं और आपको वो वाकया सुनाते हैं.
नाम है- जैक डॉरसे. वही जैस, जिनकी वजह से हम-आप ट्वीटर पर ट्वीट-ट्वीट खेलते हैं. उनके इस आविष्कार के चलते पूरी दुनिया में उनका नाम सबकी जुबान पर रहता है. हाल ही में ट्वीटर के को-फाउंडर जैक डॉरसे ने अपना सबसे पहला ट्वीट नीलाम करने की घोषणा की. फिर क्या था? उनके इस ट्वीट को खरीदने वालों की लाइन लग गई. बोली लगनी शुरु हुई. 1 लाख डॉलर, 5 लाख डॉलर, 10 लाख डॉलर होते-होते इस ट्वीट के लिए लगभग 23 लाख डॉलर की बोली लग चुकी थी. लेकिन यहां भी बोली रुकी नहीं. और रुकती भी कैसे? बड़े नाम वाले जैक का पहला ट्वीट जो बिक रहा था. बोली बढ़ते-बढ़ते 29 लाख डॉलर पर आ गई. और जैक का पहला ट्वीट 29 लाख डॉलर मायने तक़रीबन 21 करोड़ रुपयों में बिक गया.
डॉरसे के इस ट्वीट को ब्रिज ओरेकल के सीईओ सीना एस्तावि ने इसे खरीदा था. और इसकी नीलामी ‘वैल्युएबल्स बाय सेंट’ नाम के डिजिटल मंच पर की गई. ताज्जुब की बात यह थी कि जैक के इस ट्वीट में ऐसा कुछ भी ख़ास नहीं था, जो इसे इतना क़ीमती बना देता. 6 मार्च 2006 को लिखे इस ट्वीट में लिखा था कि "just setting up my twttr." लेकिन इसकी ख़ासियत यह थी कि यह ट्वीटर का पहला ट्वीट था.
बहरहाल, अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं, जो जानकर तो आपका दिल ही बाग़-बाग़ हो जाएगा. सवाल यह उठता है कि जैक इन 21 करोड़ रुपयों का भला क्या करने वाले है तो इसका जवाब है कि नीलामी से हुई कमाई को बिटकॉइन करंसी में बदला जाएगा. और यह राशि ‘गिव डायरेक्टलीज अफ्रीका रेस्पोंस’ नाम के NGO को डोनेट कर दी जाएगी. यह परमार्थ संस्था कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अफ्रीकी परिवारों की वित्तीय सहायता के लिए काम कर रही है.
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