हेम शर्मा, प्रधान संपादक
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20 March 2023 08:43 AM
'ग्रीन बुक' रेलवे योजना का अग्रिम दस्तावेज होता है और बीकानेर रेलवे की ग्रीन बुक में आज भी बाईपास बनना शामिल नहीं है। यह तब है जब केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला कोटगेट में अंडर ब्रिज या ओवर ब्रिज का विरोध कर रहे थे और रेलवे बाईपास बनाने के लिए कांग्रेस और भाजपा के ये नेता एक मंच पर आ गए थे। उस समय तत्कालीन कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक भी की गई थी। रेल मंत्री से मिलने का भी तय हुआ लेकिन सारी की सारी बातें हवा-हवाई हो गईं।
अगर तब केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम व कैबिनेट मंत्री कल्ला विरोध नहीं करते तो साल 2011 में ही डीआरएम मंजू गुप्ता की यूआईटी की प्रोजेक्ट अनुशंसा से 8 करोड़ की लागत से अंडर ब्रिज बन चुका होता। तत्कालीन न्यास अध्यक्ष मकसूद ने प्रस्तावित अंडर ब्रिज के शहर में 9 जगहों पर मॉडल रखे थे। रेल बाईपास की राजनीति करने वाले नेताओं ने इस योजना को कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। कल्ला, अर्जुन राम, आर. के. दास गुप्ता और कुछ व्यापारियों के विरोध के चलते बीकानेर की जनता परेशानी झेल रही है। हमारे जनप्रतिनिधि ये कैसी राजनीति कर रहे हैं? केंद्रीय मंत्री और राजस्थान कैबिनेट मंत्री अपनी-अपनी सरकारों के होते ख़ुद के उठाए मुद्दों पर तो कुछ कर नहीं पा रहे हैं, उल्टा कुछ ऐसा कर रहे हैं, जिससे जनता की तकलीफें ही बढ़ रही हैं। कल्ला जी, मेघवाल जी ! आप तो दो दशक से कह रहे थे कि "रेलवे बाईपास ही बनाएंगे। अंडर ब्रिज हरगिज नहीं बनने देंगे।" लेकिन यहां तो अंडर ब्रिज ही स्वीकृत हुआ है। आपकी वजह से डेढ़ दशक पहले सुलझने वाली रेलवे क्रॉसिंग की समस्या का समाधान अब होना है, और वो भी आपकी बात को ताक पर रखकर किया जाना है। वहीं अब इसकी लागत भी 8 करोड़ की जगह 35 करोड़ आनी है। तो क्या आप ऐसे करते हैं जनहित में राजनीति ? आपने मुद्दा जनहित में उठाया था या कोई स्वार्थ की राजनीति तो नहीं की ना? ये कैसी विडंबना है? वैसे, अब कल्ला जी तो यह कहने लग गए हैं कि उनके प्रयासों से दशकों से लम्बित समस्या का अंडर ब्रिज बनने से समाधान होगा। सवाल उठता है कि कल्ला जी और मेघवाल जी दोनों अपनी कही बात को लेकर जनता को अब क्या ही मुंह दिखाएंगे? अगर अंडर ब्रिज बन गया तो इन नेताओं को वहां से गुजरते समय कैसा लगेगा?
खैर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान बीकानेर शहर में सांखला फाटक रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे अंडरपास और कोटगेट रेलवे फाटक पर रेलवे अंडर ब्रिज निर्माण की घोषणा की है। जिसमें 35 करोड़ की लागत से सांखला फाटक रेलवे क्रॉसिंग के पास रेलवे अंडरपास और कोटगेट रेलवे फाटक पर रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। सवाल यह है कि क्या विरोध करने वाले नेता इसे स्वीकार करेंगे। वैसे, होने को यह भी हो सकता है कि यह घोषणा भी वसुंधरा राजे की एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट की तरह अगले चुनाव में वोटों का स्टंट मात्र हो।
आज से सवा दो साल पहले ख़बर अपडेट ने 'बीकानेर का समग्र विकास' के मुद्दे पर डॉ. बी. डी. कल्ला का इंटरव्यू किया था। इसमें 9वें मिनट पर हमने उनसे 'रेलवे फाटक' की समस्या पर भी सवाल पूछा है, जिसके जवाब में भी उन्हें 'बाईपास' बनाने की बात को ज़ोर देकर कहते हुए सुना जा सकता है।। नीचे वीडियो पर क्लिक करके आप वो इंटरव्यू देख सकते हैं।
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