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01 April 2022 05:14 PM
देश के कई शहरों में दो हजार रुपये के नोट आने बंद हो गए हैं। एटीएम ने गुलाबी नोटों को उगलना बंद कर दिया है। दो साल पहले तक लेने-देन में 2000 के नोट का फ्लो 15 से 30 फीसदी था, जो अब घटकर 2 से 5 फीसदी पर आ गया है। उसकी जगह 500 के नोट ज्यादा आ गए हैं। एटीएम के अलावा बैंकों ने भी दो हजार के नोट अपने ग्राहकों को नहीं देते हैं. बाजार में भी अब लेनदेन में दो हजार के नोट बहुत कम प्रयोग में दिख रहे हैं। अब यह सवाल भी उठता है कि इसके पीछे क्या वजह है? जानने के लिए देखिये ये ख़ास रिपोर्ट-
दरअसल, हाल ही में यूपी के उन्नाव के पूर्व नौसैनिक संदीप पांडेय ने RTI लगार रिजर्व बैंक से इसकी जानकारी मांगी थी। जिसके जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी एस रवि कुमार ने बताया कि "पिछले दो सालों से दो हजार के नोट की छपाई न होने से बजारों से नोट गायब हो रहे हैं।
हालांकि इसमें इसका कारण नहीं बताया गया था। लेकिन माना जा रहा है कि सरकार साकारात्मक सोच व नीति के साथ बड़े अंक के नोटों को चलन से बाहर कर कालेधन को धीरे-धीरे समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। काले धन के संचयन में बड़े नोटों का अधिक योगदान होता है और अगर वो चलन से बाहर हो जाएं तो कालेधन पर लगाम लग सकती है।
वैसे देखा जाए तो 2000 का नोट न आने से सुखद परिणाम भी आए हैं. अधिकतर लोगों को बाजार में खरीदारी करने के लिए आसानी भी हो रही है। देखा जाता था कि सब्जी वाले या छोटे दुकानदारों से खरीदारी करने के बाद दो हजार का नोट देते थे, उस वक्त दो हजार रूपये के खुदरा के लिए काफी परेशानी होती थी। अब ऐसा नहीं हो रहा है. देखते हैं 2000 के नोट को लेकर सरकार का क्या कदम होता है.
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