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05 March 2022 10:41 AM
पूरी दुनिया की नज़र रूस और यूक्रेन युद्ध पर टिकी है. यूक्रेन पर जारी हमलों के बीच बीते हफ्ते पुतिन ने चेताया था कि "अगर रूस की योजना में किसी और मुल्क ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उसे ऐसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे, जो इतिहास में कभी नहीं देखा गया होगा." पुतिन के इस बयान को नेटो के लिए धमकी के तौर पर देखा गया ताकि वो यूक्रेन में सैन्य अभियान न शुरू कर दे. इस चेतावनी के बाद पुतिन ने सेना को अपनी प्रतिरोधी शक्तियों को "स्पेशल अलर्ट" पर रखने का आदेश दिया है जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं. उनके इस क़दम से दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है. आप रूस के पास इन हथियारों की उपलब्धता जानकर हैरान भी रह जाएंगे. फ़ेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक-
रूस के पास दुनिया भर में 5,977 परमाणु हथियार हैं.
इनमें से 1,500 एक्सपायर होने वाले हैं या हो चुके हैं
यानी अब रूस के पास 4,500 हथियारों ही बचे हैं.
जिनमें बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट्स शामिल हैं.
जो लंबी दूरी तक मार कर सकते हैं.
रूस के पास उपलब्ध इतने हथियार भी तबाही लाने के लिए काफी है. अगर दुनिया में मौजूद 1% से भी कम परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो इससे 2 अरब लोग भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे. ऐसे में ज़रा सोचिए कि क्या होगा अगर वाकई पुतिन परमाणु हमले को अंजाम दे दे. ICAN के मुताबिक, एक परमाणु बम पूरे शहर को तबाह करने के लिए काफी होता है. ऐसे में अगर कई सारे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होता है तो करोड़ों लोग मारे जाएंगे. वहीं, अगर अमेरिका और रूस के बीच बड़ा परमाणु युद्ध छिड़ गया तो मरने वालों की संख्या 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी.
आपको बता दें कि हिरोशिमा पर गिरे बम से 1945 के आखिर तक ही 1.40 लाख लोगों की मौत हो गई थी. नागासाकी पर जो बम गिरा था, उसकी रेडिएशन पहाड़ों की वजह से 6.7 किमी तक ही फैली थी. इससे भी 1945 के आखिर तक 74 हजार लोग मारे गए थे. हमले के बाद जमीन की सतह का तापमान 4,000 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. परमाणु बम जब गिरता है तो उसे तबाही मचाने में सिर्फ 10 सेकंड लगता है, लेकिन उसका असर दशकों तक रहता है. बम गिरने के सालों बाद भी लोगों को ल्यूकैमिया, कैंसर और फेफड़ों से जुड़ी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे थे. इतना ही नहीं, सैकड़ों-हजारों की आंखों की रोशनी चली गई थी. ऐसा हमला होने पर क्लाइमेट सिस्टम बुरी तरह प्रभावित होगा और खेती पर भी असर होगा. इतना धुआं निकलेगा जो धरती की सतह पर जमने लगेगा. अनुमान है कि ऐसा होने पर कम से कम 10% जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी.
परमाणु हमले के अंजाम की कल्पना मात्र से ही रूह कांपने लगती है. ऐसे में अगर ये हमला होता है तो परिणाम का आप अंदाजा लगा सकते हैं.
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