ख़बर अपडेट
khabarupdateofficial@gmail.com
20 July 2021 01:17 PM
अगर आपने कोरोना की वैक्सीन लगा ली है या फिर लगवाने जा रहे हैं तो यह ख़बर आपको ज़रूर देखनी चाहिए. दरअसल सोशल मीडिया पर एक नोबल पुरस्कार विजेता वायरॉलजीस्ट लूच का एक दावा तेजी से वयारल हो रहा है. जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोग अगले 2 सालों में मर जाएंगे. यह दावा जिसने भी पढ़ा, दंग रह गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में ऐसा हो जाएगा? नोबल पुरस्कार विजेता लूच के इस दावे की आख़िर क्या सच्चाई है? आइये, इस रिपोर्ट में आपको तफसील से बताते हैं.
दरअसल कनाडा की एक वेबसाइट- लाइफसाइट ने नोबेल विजेता और फ्रेंच वायरलॉजिस्ट लूच मॉन्टेनियर के हवाले से एक खबर छापी है. इसके मुताबिक, नोबेल विजेता ने आगाह करते हुए कहा है कि
"वैक्सीन लगवाना ऐतिहासिक भूल होगी क्योंकि इससे नए वेरिएंट्स भी पैदा होंगे. इन वेरिएंट्स से और ज्यादा मौतें होंगी. इसे स्थापित करने के लिए लूच ने एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एन्हैंसमेंट यानी एडीई के सिद्धांत का हवाला दिया है. साल 2008 में नोबेल जीतने वाले प्रोफेसर मोंटानियर का कहना है कि वैक्सीन की वजह से नए वेरिएंट पैदा होंगे."
वायरल हो रही खबर में कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने पर एंटीबॉडी बनती हैं जिससे वायरस के लिए "करो या मरो" की स्थिति बन जाती है. वायरस अपने अस्तित्व को बचाने के लिए दूसरे समाधान ढूंढने पर मजबूर हो जाता है और इसी स्थिति में नए वेरिएंट पैदा होने की आशंका रहती है.
अब सवाल यह उठता है कि आख़िर इस दावे की सच्चाई क्या है? समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस दावे को अपनी पड़ताल में गलत पाया है. एजेंसी के मुताबिक, ऊपर दी गई वेबसाइट को साल 2017 में ब्लैकलिस्ट कर दिया था. वहीं अब तक इस बात का कोई संकेत मिला है कि वैक्सीन लगवाने से ऐसा कुछ हो सकता है. कुल मिलाकर, इस बात के अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि वैक्सीन लगवाने से मौत का खतरा बढ़ जाएगा. इसके उलट, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीनेशन को ही कोरोना के खिलाफ सबसे अहम हथियार माना है.
RELATED ARTICLES
28 June 2022 07:00 PM
27 June 2022 03:07 PM
22 June 2022 03:22 PM
22 June 2022 11:19 AM