KavyaShala की इस कड़ी में हमारे मेहमान हैं, प्रसिद्ध साहित्यकार- मालचंद तिवारी. मालचंद तिवारी राजस्थानी में लिखी अपनी एक कविता 'हे मेरे पिता..' सुनाने रहे हैं. उनका कहना है कि "संसार में 'पिता' का क्या मतलब होता है' यह कविता इसके बारे में है. जिन लोगों के पिता हैं, वो शायद यह महसूस नहीं कर सकते कि पिता न हो तो क्या होता है. ये माना कि संसार में सबकी रक्षा ईश्वर करते हैं, लेकिन धरती पर इस मामले में पिता ही उस ईश्वर का प्रतिनिधि है और अगर पिता ही न हो तो क्या होता है, उसी भाव को इस कविता में समेटा गया है." सुनिये ये भावुक कविता, जिसका शीर्षक है- मुझसे सवा गुना मजबूत"
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नीचे दिए गए Video पर Click करके आप मालचंद तिवारी की यह कविता सुन सकते हैं-